अयोध्या. अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण 15 अक्टूबर के आसपास शुरू होगा. इसके पहले अगले सप्ताह यानी 15 या 17 सितंबर से एक पिलर का कार्य शुरू होगा जिसके परीक्षण की प्रक्रिया लगभग एक माह चलेगी. इसके बाद 15 अक्टूबर से मानचित्र के अनुसार 1199 अन्य स्थानों पर पिलर बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा और राम जन्मभूमि निर्माण की पूरी प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी. राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र के अनुरूप राम मंदिर बनाने के लिए 1200 स्थानों पर एक मीटर व्यास और 100 फिट गहरे पिलर तैयार किए जाने हैं, जिसको बीम के जरिए जोड़कर राम मंदिर निर्माण की बुनियाद स्ट्रक्चर का ढांचा तैयार किया जाएगा.


सबसे पहले अगले सप्ताह यानी 15 या 17 सितंबर से एक मीटर व्यास और 100 फीट गहरा एक कुआं खोदा जाएगा, जैसा पुल के लिए पिलर बनाते समय नदियों में खोदा जाता है. उसमें एक खंबे की पाइलिंग की जाएगी और फिर उसका परीक्षण किया जाएगा. यह परीक्षण लगभग एक माह चलेगा. परीक्षण में पास होने के बाद 1199 जगह पर ऐसे ही खंभे तैयार किए जाएंगे. यह काम 15 अक्टूबर के आसपास शुरू होगा यानी राम जन्मभूमि परिसर में बुनियाद स्ट्रक्चर के लिए खुदाई का कार्य तो अगले सप्ताह में 15 या 17 सितंबर से शुरू हो जाएगा लेकिन परीक्षण के बाद 15 अक्टूबर से राम जन्मभूमि मंदिर की बुनियाद स्ट्रक्चर का कार्य पूरी तौर पर शुरू होगा.


महासचिव श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अभी नींव का गड्ढा खोदने वाली मशीन या कुआं गलाने वाली मशीन जिस तरह से नदियों के अन्दर पुल बनते हैं उसके खंभे गहराई तक जाते हैं मशीनों से काम होता है, वह एक मशीन आई है. उसे रिग मशीन कहते हैं. तो एक मीटर व्यास का गोला और 100 फीट गहरा ऐसा सबसे पहले एक परीक्षण के तौर पर नींव का एक खंभा नीचे डाला जाएगा. वह केवल टेस्ट पाइलिंग माना जाएगा. फिर देखेंगे और उसकी ताकत को मशीनों से नापेंगे. इस परीक्षण की रिपोर्ट आने में हो सकता है, एक महीना लग जाए.


उन्होंने बताया कि अब अगर एक महीना रिपोर्ट आने में लगेगा. फाइलिंग की रिपोर्ट में तो असली रिपोर्ट आने में समय तो लग ही जाएगा इसलिए ऐसा मानते हैं कि जो 1200 खंबे नीचे गलाने में जमीन के अंदर 100 फीट गहराई तक वहां अक्टूबर से शुरू कर पाएंगे. तकनीकी काम है सब लोग इस पर सहमत हैं कि मंदिर की नींव मंदिरों के पत्थरों की आयु से ज्यादा हो इसीलिए बारीकी से अध्ययन हो रहा है. सीमेंट कहां से लाएं, सीमेंट में क्या-क्या चीजें मिलाए जिससे उसकी ताकत और उसकी आयु बढ़ जाए सब अंडर प्रोसेस और लैब में इसकी टेस्टिंग चल रही है.


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