Pithoragarh News: पिथौरागढ़ (Pithoragarh) के मुनस्यारी (Munsyari) के चार गांव भुर्तिग, भण्डारी गांव, बिर्थी और गिरगांव के वजूद पर पिछले दो साल से खतरा मंडरा रहा है. इन गांवों के कई मकानों मे दरारें पड़ने की वजह से 14 परिवारों ने अपने पुश्तैनी मकान छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर घर बना लिए हैं, हालांकि अब भी यहां 85 परिवार फट रही धरती के बीच मे क्षतिग्रस्त मकानों में रहने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में आपदा का डर लगातार बना हुआ है. अब डीएम कार्यालय मे पत्र देकर भूस्खलन प्रभावितों का जल्दी विस्थापन कराने की मांग की गई है.


खतरे के साए में रह रहे ये परिवार सुरक्षित स्थान पर पुर्नवास का इंतजार कर रहे हैं. 14 परिवारों को जहां कंक्रीट से बने अपने मकानों को छोड़ना पड़ा था, वहीं अब खेतों मे भी दरारें पड़ने लगी हैं. आपदा प्रभावित गिरगांव मे लगभग 45 परिवार, भण्डारी गांव के 15 परिवार के अलावा उमली तोक के 16 परिवार और पैंयापिनारी के 9 परिवार के मकानों मे दरारें है.


भूस्खलन प्रभावितों का विस्थापन कराने की मांग
मुनस्यारी की पूर्व क्षेत्र प्रमुख पार्वती बाछमी ने डीएम कार्यालय मे पत्र देकर भूस्खलन प्रभावितों का जल्दी विस्थापन कराने की मांग की है. उनका कहना है गिरगांव, चौड़ा, भण्डारी गांव, उमली, पुरदम, पैय्या पिनारी,खेती, खेता, सैणराथी, किमखेत, बेडूमहर गांव मे वर्ष 2006 से लगातार भूस्खलन हो रहा है. इन गांवों के लोग सरकार से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन की मांग लंबे समय से कर रहे हैं.


पार्वती बाछमी ने आगे कहा कि भूस्खलन के बावजूद लोगों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. वहीं इस मामले में अपर जिलाधिकारी आर.एफ.चौहान ने बताया कि इन क्षेत्रों मे भूगर्भ वैज्ञानिकों को सर्वे के लिए भेजा गया है, उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.


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