लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। यूपी में जिस कोरोना पेशेंट को सबसे पहली प्लाज़्मा थेरेपी दी गयी थी उसकी शनिवार को मौत हो गयी। हालांकि KGMU प्रशासन के अनुसार उरई निवासी 58 वर्षीय डॉ. सुनील अग्रवाल की मृत्यु तब हुई जब वो कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके थे। डॉक्टर की मृत्य का कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन बताया गया है। डॉ. सुनील ने कोरोना से तो जंग जीत ली लेकिन ज़िन्दगी की जंग फिर भी हार गए।


26 अप्रैल को प्लाज़्मा थेरेपी के बाद होने लगा था हालत में सुधार


डॉ. सुनील वो पहले कोरोना मरीज थे जिन्हें यूपी में प्लाज़्मा थेरेपी दी गयी। डॉक्टर सुनील को प्लाज़्मा की पहली डोज़ 26 अप्रैल को तब दी गयी थी जब उनकी हालत बहुत ही क्रिटिकल हो चुकी थी। इस डोज़ के बाद 24 घंटे के अंदर ही उनकी हालत में सुधार होने लगा। इसके बाद 27 अप्रैल को उन्हें प्लाज़्मा की दूसरी डोज़ दी गयी थी। प्लाज़्मा थेरेपी के बाद डॉ. सुनील की हालत में सुधार हुआ और उनके वेंटीलेटर के पैरामीटर भी कम होने लगे।


सुबह कोरोना संक्रमण खत्म होने की खबर, दोपहर में मौत


शनिवार सुबह ही डॉ. सुनील में कोरोना संक्रमण खत्म होने की पुष्टि हुई थी। उनकी लगातार दूसरी रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव आयी थी। लेकिन उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो गया था। इन्फेक्शन के चलते उनकी दो बार डायलिसिस भी हुई। लेकिन आखिरकार डॉ. सुनील ज़िन्दगी की जंग हार गए।


KGMU से ही की थी मेडिकल की पढ़ाई, डॉक्टर्स गमगीन


डॉ. सुनील ने जिस KGMU से मेडिकल की पढ़ाई की उसी में अपनी अंतिम सांस ली। डॉ. सुनील 1981 बैच के जॉर्जियन थे। उनका बेटा KGMU में ही मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। डॉ. सुनील के निधन से सभी डॉक्टर्स में शोक की लहर है।