वाराणसी, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में है। विपक्षी दल सरकार के विकास के दावों पर वार करने से नहीं चूक रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गोद लिए गए गांव जयापुर की चर्चा पूरे देश में होती है। पीएम के आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लेने के बाद जयापुर की तस्वीर जरूर बदली है पर आज भी यहां के निवासी आज भी बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है।


पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र वारणसी के जयापुर गांव को आदर्श बनाने की जो पहल पांच वर्ष पहले शुरू हुई थी उसका असर आज गांव में दिख रहा है, गांव में पहले बैंकिंग की सुविधा नहीं थी परंतु आज गांव में कई बैंक की शाखाएं हैं, इसके अलावा पेयजल की आपूर्ति के लिए गांव में कई टंकियों का निर्माण किया गया। साथ ही खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए पीएम ने गांव में शौचालय का निर्माण करवाया।



जयापुर गांव में न सिर्फ सड़क बिजली पानी आदि कार्यों पर विकास हुआ बल्कि गांव के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी काम हुए हैं। आज गांव में स्किल इंडिया के तहत कंप्यूटर सेंटर हैं, जहां छात्रों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाती है इसके अलावा अगर रोजगार की बात करें तो गांव में सूत कातने का उद्योग भी स्थापित किया गया है। जहां पर गांव की महिलाओं को रोजगार दिया जाता है जिससे कि उन्हें गांव में ही अच्छी खासी आमदनी हो जाती है।




पानी और स्वास्थ सुविधाओं में पीछे
जयापुर गांव आज भले ही पीएम के आदर्श गांव की वजह से चर्चित हो परन्तु गांव आज भी पानी की निकासी की समस्या से जूझ रहा है गांव में नालों का निर्माण न होने की वजह से ग्रामीणों को पानी निकासी की समस्याओं से सामना करना पड़ता है वही अगर स्वास्थ की बात करे तो गांव में अस्पताल न होने की वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शिक्षा के मामले में भी जयापुर गांव अभी पिछड़ा है। बारहवीं तक स्कूल न होने की वजह से छात्रों को गांव के बाहर पढ़ाई करने जाना पड़ता है जिससे कि उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।