नई दिल्ली, एबीपी गंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कोरोना वायरस के खिलाफ देश की जनता की भागीदारी पर सबका आभार जताया। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग 'पीपुल्स ड्रिवेन' है। भविष्य में जब कभी इस काल की चर्चा की जाएगी तब इसका जिक्र जरूर होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो भी दिशा निर्देश जारी किय हैं, उन्हें पालन जरूर करें। ये आपकी भलाई के लिये ही है। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई महायज्ञ है और सभी अपने अपने तरीके से योगदान देने के लिये आगे आये हैं।
मन की बात में पीएम द्वारा कही गयी दस बड़ी बातें..
--पीएम ने कहा कि आज कोरोना की महामारी है, ऐसे में दो गज की दूरी, बहुत है जरूरी। उन्होंने कहा कि अगली बार जब हम मिलें तो दुनियाभर से कोरोना से मुक्ति की खबरें मिलें।
-कई ऐसे पहलू जानने को मिले जिस पर आपाधापी में ध्यान ही नहीं जाता। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई पीपल ड्रिवन है। यह लड़ाई जनता लड़ रही है।
-कोई तनख्वाह दान दे रहा है, कोई मास्क बना रहा है तो कोई खेत की सब्जियां दान दे रहा है। कोई जिस स्कूल में क्वारंटीन में हैं उसकी रंगाई-पुताई कर रहा है। यही भाव कोरोना के खिलाफ लड़ाई को ताकत दे रहा है।
-covidworriors.gov.in सरकार ने इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधी और स्थानीय प्रशासन को जोड़ दिया है। इसमें अब तक सवा करोड़ लोग जुड़ चुके हैं।
-हम अकसर प्रकृति, विकृति और संस्कृति के बारे में सुनते हैं। अगर मानव प्रकृति की बात करें तो यह मेरा है, मैं इसका उपयोग करता हूं. यह बहुत स्वाभाविक है। लेकिन जो मेरा नहीं है उसे मैं दूसरे से छीन लेता हूं, हम इसे विकृति कह सकते हैं। इससे ऊपर जब कोई अपने हक की चीज दूसरों की मदद करते हैं और खुद की चिंता छोड़कर अपने हिस्से को बांटकर दूसरों की जरूरत पूरी करता है वही तो संस्कृति है।
-आज भारत के आयुर्वेद को भी लोग विशिष्ट भाव से देख रहे हैं। कोरोना की दृष्टि से इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जो प्रोटोकॉल दिया है मुझे विश्वास है कि आप इसका उपयोग कर रहे होंगे।
-पीएम ने मास्क लगाने का सुझाव दिया और साथ ही कहा कि सबसे सहज गमछा है...इसका भी प्रयोग कर सकते हैं। पहले यहां-वहां थूक देना आम बात बन गई थी। हम इस समस्या को जानते थे लेकिन यह समस्या समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही थी। अब समय आ गया है, इस बुरी आदत को समाप्त कर दिया जाए।
-पीएम ने कहा कि रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो गया है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि रमजान में इतनी बड़ी मुसीबत होगी। लेकिन जब विश्व में मुसीबत आ ही गई है तो हमें इसे सेवाभाव की मिसाल देनी है। हम पहले से ज्यादा इबादत करें और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करें।
--पीएम ने कहा कि इस साल अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। यह याद दिलाता है कि हमारी भावना अक्षय है, चाहे कितनी भी आपदा आए इससे जूझने की मानवीय भावनाएं अक्षय हैं। माना जाता है कि यही वह दिन है जब पांडवों को अक्षय पात्र मिला था। हमारा अन्नदाता किसान इसी भावना से परिश्रम करते हैं। इन्हीं की वजह से हमारे पास अन्न के भंडार हैं।
--कई बार हम अपनी शक्तियों को मानने से इनकार कर देते हैं और जब दूसरा देश रिसर्च करके वही बात बताता है तो हम मान लेते हैं। इसके पीछे कारण सैकड़ो साल की गुलामी भी रही है। भारत की युवा पीढ़ी को इस चुनौती को स्वीकार करना होगा। जैसे विश्व ने योग को स्वीकार किया है वैसे ही आयुर्वेद को विश्व जरूर स्वीकार करेगा।