नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उनका फोकस सबका साथ-सबका विकास की बात पर जोर देने में रहा. पीएम मोदी ने अपने भाषण में कई बार इस बात का जिक्र किया कि उनकी सरकार मजहबी भेदभाव से ऊपर उठकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें.


पीएम मोदी ने कहा, ''पहले मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है. पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं. मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट कम से कम हो इसके लिए केंद्र सरकार निरंतर प्रयास कर रही है.'' उन्होंने कहा कि ''सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है. देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है. आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं.''


प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ''बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले. बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए. बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला.'' अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ''मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है. अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है. यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी. अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है.''



मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका- पीएम


मोदी ने कहा कि ''पिछली शतब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है. अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है.'' उन्होंने कहा कि ''समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए. जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें.''


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