(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
PM Modi in UP: पीएम मोदी बोले- हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के एडमिशन की शुरुआत की
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के एडमिशन की शुरुआत की है. 33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से गर्ल्स स्टूडेंट्स के एड्मिशन शुरू भी हो गए हैं.
PM Narendra Modi in Jhansi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांसी में एचएएल के लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर भारतीय वायु सेना को सौंपे. मोदी ने डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और बीईएल द्वार निर्मित एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट भारतीय नौसेना को सौंपे और भारतीय स्टार्टअप द्वारा विकसित ड्रोन/यूएवी भारतीय सेना को सौंपे. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज तो शौर्य और पराक्रम की पराकाष्ठा हमारी रानी लक्ष्मीबाई जी का जन्मजयंती है. आज झांसी की ये धरती आज़ादी के भव्य अमृत महोत्सव की साक्षी बन रही है. आज इस धरती पर एक नया सशक्त और सामर्थ्यशाली भारत आकार ले रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज एक ओर हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, तो साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है. ये 100 सैनिक स्कूल जिनकी शुरुआत होगी, ये आने वाले समय में देश का भविष्य ताकतवर हाथों में देने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के एडमिशन की शुरुआत की है. 33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से गर्ल्स स्टूडेंट्स के एड्मिशन शुरू भी हो गए हैं. सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियां भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी.
मेजर ध्यानचंद ने भारत के खेल जगत को दुनिया में पहचान दी- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं झांसी के एक और सपूत मेजर ध्यानचंद जी का भी स्मरण करना चाहूंगा, जिन्होंने भारत के खेल जगत को दुनिया में पहचान दी. अभी कुछ समय पहले ही हमारी सरकार ने देश के खेलरत्न अवार्ड्स को मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर रखने की घोषणा की है.
मोदी ने कहा कि ये धरती रानी लक्ष्मीबाई की अभिन्न सहयोगी रहीं वीरांगना झलकारी बाई की वीरता और सैन्य कौशल की भी साक्षी रही है. मैं 1857 के स्वाधीनता संग्राम की उस अमर वीरांगना के चरणों में भी नमन करता हूं, अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उन्होंने कहा कि मैं नमन करता हूं इस धरती से भारतीय शौर्य और संस्कृति की अमर गाथाएं लिखने वाले चंदेलों-बुंदेलों को, जिन्होंने भारत की वीरता का लोहा मनवाया. मैं नमन करता हूं बुंदेलखण्ड के गौरव उन वीर आल्हा-ऊदल को, जो आज भी मातृ-भूमि की रक्षा के लिए त्याग और बलिदान के प्रतीक हैं.
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