भाऊपुर-ख़ुर्जा के इस सेक्शन से कानपुर-अलीगढ़ समेत 7 शहरों के औद्योगिक क्षेत्रों को होगा लाभ, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
इस वक़्त कानपुर-ख़ुर्जा का सामान्यरेल रूट भारतीय रेल के सबसे व्यस्त रूटों में से एक है जहां क्षमता से 50% अधिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं.351 किलोमीटर के इस नए डीएफ़सी सेक्शन के शुरू होने के बाद सामान्य यात्री रेल रूट से फ़्रेट ट्रेनें हट जाएंगी जिससे यात्री ट्रेनें तेज गति से चलने लगेंगी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ईस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर के 351 किलोमीटर के एक सेक्शन का उद्घाटन किया. इसे भाऊपुर-न्यू ख़ुर्जा सेक्शन कहते हैं. साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रयागराज स्थित फ़्रेट कॉरीडोर के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का भी लोकार्पण किया. इसके लिए बुलंदशहर के नए बने न्यू ख़ुर्जा फ़्रेट स्टेशन से अनाज से लदी 116 डिब्बों वाली एक फ़्रेट ट्रेन को भी रवाना किया गया.
ईस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर
डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया दो डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर बना रहा है. ईस्टर्न डीएफ़सी और वेस्टर्न डीएफ़सी. ईस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर लुधियाना के साहनेवाल से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक बनाया जा रहा है जिसकी कुल दूरी 1856 रूट किलोमीटर होगी. इसमें सोनागढ़ से दानकुनी तक का हिस्सा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनेगा. ये पंजाब से शुरू होकर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से गुजरेगा और पश्चिम बंगाल तक पहुंचेगा.
वेस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर
वेस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर उत्तर प्रदेश के दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक बनाया जा रहा है जिसकी कुल दूरी 1504 रूट किलोमीटर की होगी. ये उत्तर प्रदेश के नोएडा ज़िले से शुरू होकर हरियाणा, राजस्थान, गुजरात से गुजरते हुए महाराष्ट्र तक पहुंचेगा.
भाऊपुर-न्यू ख़ुर्जा सेक्शन के बारे में
ये पूरा सेक्शन उत्तर प्रदेश में आता है. विश्व बैंक से फंडेड इस सेक्शन की लागत 5,750 करोड़ रूपए है. इस सेक्शन में कुल 10 नए फ़्रेट ट्रेन स्टेशन बनाए गए हैं. भाऊपुर, कनचौसी, अचलदा, एकडिल, भडान, मखनपुर, टूंडला, हाथरस, दाऊदखान और ख़ुर्जा. अलीगढ़ ख़ुर्जा फ़िरोज़ाबाद और आगरा जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों से हो कर गुजरेगा. इस सेक्शन में 19 बड़े ब्रिज, 414 छोटे ब्रिज और 7 रेल फ़्लाईओवर बनाए गए हैं. इस सेक्शन का सिविल वर्क टाटा-अलडेसा जेवी ने किया है जबकि सिग्नलिंग व इलेक्ट्रिकल वर्क एलस्टोम ने किया है.
इन 7 शहरों के उत्पादों की पहुंच हो जाएगी देशव्यापी
इस सेक्शन के अंतर्गत कानपुर देहात, औरैया, इटावा, फ़िरोज़ाबाद, हाथरस, अलीगढ़ और बुलंदशहर के क्षेत्र आएंगे. कानपुर देहात के पुखरायां में एल्यूमिनियम के बर्तन बनते हैं. औरैया दूध और देशी घी के उत्पादन के लिए जाना जाता है. इटावा टेक्स्टाईल के लिए जाना जाता है, यहां कपड़ों पर हाथ के उपकरणों से ब्लॉक प्रिंटिंग का काम होता है. फ़िरोज़ाबाद में क़रीब 20 हज़ार लोग चूड़ी और कांच के अन्य सामान बनाने का काम करते हैं. हाथरस हींग के लिए मशहूर है जहां अफ़ग़ानिस्तान, तज़ाक़िस्तान और उज़बेकिस्तान से आई कच्ची हींग को तैयार किया जाता है. अलीगढ़ अपने तालों के लिए मशहूर है. बुलंदशहर का ख़ुर्जा पॉटरी के लिए जाना जाता है.
यात्री ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ जाएग
इस वक़्त कानपुर-ख़ुर्जा का सामान्यरेल रूट भारतीय रेल के सबसे व्यस्त रूटों में से एक है जहां क्षमता से 50% अधिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. 351 किलोमीटर के इस नए डीएफ़सी सेक्शन के शुरू होने के बाद सामान्य यात्री रेल रूट से फ़्रेट ट्रेनें हट जाएंगी जिससे यात्री ट्रेनें तेज गति से चलने लगेंगी. अब तक फ़्रेट ट्रेनें 25-30 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलती थीं लेकिन अब डीएफ़सी सेक्शन पर ये ट्रेनें 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलेंगी.
जून 2022 तक दोनों डीएफ़सी बन कर तैयार हो जाएंगे
दोनों डीएफ़सी को मिलाकर कुल 40% डीएफ़सी को मार्च 2021 तक चालू कर दिया जाएगा जबकि जून 2022 तक दोनों डीएफ़सी चालू हो जाएंगे.