नई दिल्ली, एबीपी गंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद ने आज ''मन की बात'' कार्यक्रम में सुर्खियों में रहे अयोध्या मामले की चर्चा की।  उन्होंने कहा कि इस फैसले को लेकर देशवासियों ने बता दिया कि उनके लिये राष्ट्रहित सबसे ऊपर है। साथ ही उन्होंने फिट इंडिया कैंपेन जैस कार्यक्रम की चर्चा की। इससे पहले 'मन की बात' के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट किया था और लोगों से अपने सुझाव 'नमो एप' पर शेयर करने के लिये कहा था। पीएम ने ट्विट के साथ एक नंबर भी शेयर किया है और कहा है कि इसे डायल करें और अपना मैसेज यहां रिकॉर्ड कराएं।


पीएम मोदी ने 'मन की बात' के 56वें संस्करण में अयोध्या मामले बोलते हुये कहा कि 9 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो 130 करोड़ भारतीयों ने फिर यह साबित कर दिया कि उनके लिए देशहित से बढ़कर कुछ नहीं है। फिट इंडिया कैंपेन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं अनुरोध करता हूं कि सभी स्कूल फिट इंडिया रैंकिंग में शामिल हों और फिट इंडिया सहज स्वभाव बने, एक जनांदोलन बने। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास होना चाहिए।

साथ ही उन्होंने कहा कि 7 दिसम्बर को 'आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे' मनाया जाता है। यह वो दिन है जब हम अपने वीर सैनिकों को उनके पराक्रम को, उनके बलिदान को याद तो करते ही हैं, लेकिन योगदान भी करते हैं। इसके अलावा पीएम मोदी ने आज के कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स से उनके अनुभव के बारे में जाना। अलग-अलग राज्यों के एनसीसी कैडेट्स से उनके अनुभव के बारे में पीएम मोदी जानकारी ली। उन्होंने इसके बाद एनसीसी से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया।


इससे पहले 27 अक्टूबर को अपने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए की थी। साथ ही उन्होंने गुरुनानक देव को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनकी 550वीं जयंती इस साल मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, श्री गुरु नानक देव जी से हमने सेवा के महत्व को जाना है। पूरी दुनिया श्री गुरु नानक देव जी को नमन करती है।"


पीएम मोदी के मन की बात का कार्यक्रम उस वक्त हो रहा है जिस वक्त पूरे देश की निगाहें महाराष्ट्र की सियासी हलचल पर टिकी हुई हैं। शनिवार को महाराष्ट्र में जमकर सियासी उठा पटक का खेल देखने को मिला। शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सबको चौंका दिया। हालांकि इस फैसले को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंचीं हैं।