नई दिल्ली: बद्री-केदार विकास परियोजनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई. जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल हुए. पर्यटन और धर्मार्थ मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रदेश के पर्यटन सचिव और केंद्रीय कैबिनेट सचिव बैठक में भाग लेने के लिए पीएमओ पहुंचे थे.
केदारनाथ धाम के विकास पर चर्चा की गई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रुचि केदारनाथ धाम में है. बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार केदारनाथ मंदिर दर्शन के लिए भी पहुंचे हैं. तभी वर्चुअल तरीके से केदारनाथ में हो रहे विकास कार्यों पर पीएमओ की पैनी नजर रहती है. बुधवार को हुई बैठक में सबसे पहले केदारनाथ धाम के विकास पर ही चर्चा की गई. बाकायदा डेडलाइन के आधार पर पूछा गया कि कौन सा काम कब तक पूरा हो जाएगा? हालांकि, मंदाकिनी नदी पर पुल के निर्माण से लेकर अनेक विकास कार्य पहले ही पूर्ण हो चुके हैं.
ये काम होंगे पूरे
- सरस्वती नदी पर घाटों का निर्माण आस्था पथ और उसपर लाइटिंग का कार्य 15 अक्टूबर तक पूरा होगा.
- पुरोहितों के लिए बन रहे 5 आवास भी 15 अक्टूबर तक पूरे कर लिए जाएंगे.
- मंदाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 21 मार्च 2021 तक की डेडलाइन पर पूर्ण किया जाएगा.
- ध्यान गुफाओं का कार्य 15 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा.
- शंकराचार्य के नाम पर बन रहे विशेष स्थान और उनकी मूर्ति का प्रोटोटाइप अप्रैल 2021 तक बना लिया जाएगा.
भूमि अधिग्रहण का कार्य भी जल्द ही शुरू होगा
इसके अलावा केदारनाथ में सीएसआर फंड से 117 करोड़ के अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है जिसमें ब्रहमवाटिका का विकास किया जाएगा. जायका का कार्यक्रम के तहत वन विभाग को इसके लिए अतिरिक्त धन दिया जाएगा. भूमि अधिग्रहण का कार्य भी जल्द ही शुरू होगा. वन विभाग से एनओसी ली जाएगी, आध्यात्मिक होमस्टे बनाए जाएंगे और कोशिश होगी कि केदार खाटी के रोम-रोम में ओम नमः शिवाय का उद्घोष हो.
बद्रीनाथ के विकास का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया
केदारनाथ के अलावा बद्रीनाथ के विकास का ब्लूप्रिंट भी बैठक में तैयार किया गया जिसके लिए केंद्र सरकार और सीएसआर के माध्यम से फिलहाल 481 करोड़ की धनराशि जारी की जाएगी. दो चरण में बद्रीनाथ के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है ,जो 2025 तक पूरा हो जाएगा. विकास कार्य कुछ इस तरह से किया जाएगा जिससे परंपराओं के साथ-साथ संस्कृति के पीछे के वैज्ञानिक तथ्यों को भी दिखाया जा सके.
होंगे विकास कार्य
- पहले चरण में मंदिर के आसपास की सरकारी भवनों को हटाया जाएगा, केदारनाथ की तर्ज पर बद्रीनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का विकास होगा
- दूसरे चरण में बद्रीनाथ के आसपास की निजी भवनों को भी हटाया जाएगा, जिसके लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा.
- पर्यटन नहीं तीर्थस्थान के रूप में बद्रीनाथ क्षेत्र का विकास होगा, जिसमें मूलभूत सुविधाएं रहेंगी लेकिन विलासिता नहीं.
- बद्रीनाथ का विकास आध्यात्मिक स्मार्ट सिटी के रूप में होगा, देश के लिए मॉडल बनेगी बद्रीनाथ स्प्रिचुअल मिनी स्मार्ट सिटी.
ऑल वेदर रोड पर चल रहा है काम
केदारनाथ बद्रीनाथ समेत चार धाम कनेक्टिविटी के लिए ऑल वेदर रोड पर भी तेजी से काम चल रहा है. हाई पावर कमेटी के पास भागीरथ इको सेंसिटिव जोन में भी काम करने की मंजूरी कोर्ट के फैसले के बाद आ चुकी है. इससे भी बद्री-केदार क्षेत्र में जल्दी विकास कार्य करने में मदद मिलेगी.
केदार-बद्री की विकास परियोजनाओं में केंद्रीय आर्थिक सहायता के साथ-साथ सीएसआईआर के फंड का इस्तेमाल करने पर भी गहन मंथन किया गया, साथ ही इस बात पर भी बल दिया की संस्कृति के न्यूतन ज्ञान का वैज्ञानिक आधार भी दिखाया जा सके. म्यूजियम के तौर पर केदारनाथ और बद्रीनाथ क्षेत्र में अलग-अलग लोकेशन का चयन किया जाएगा.
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