UP Assembly Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विपक्षी दलों का नाम लिए बिना कहा कि उत्तर प्रदेश में पांच चरण के चुनाव हो चुके हैं जिसमें पश्चिम से पूरब तक घोर परिवारवादियों को जनता ने नकार दिया है. उत्तर प्रदेश के लोगों ने बता दिया है कि राज्य की गाड़ी अब जात-पात की गलियों में अटकने वाली नहीं है. सोमवार को बलिया जिले में एक चुनावी रैली में महर्षि भृगु को कोटि-कोटि प्रणाम करते हुए मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में लोगों का अभिवादन करते हुए कहा, ‘‘माता, बहिन, बड़-बुजुर्ग सब कर गोड़ लागत बानि (माताओं, बहनों, बड़े बुजुर्गों को पैर छूकर प्रणाम कर रहा हूं)’’
प्रधानमंत्री ने कहा, 'यूपी में पांच चरण के चुनाव हो चुके हैं, पश्चिम से पूरब तक घोर परिवारवादियों को जनता ने नकार दिया है, यूपी के लोगों ने बता दिया है कि यूपी की गाड़ी अब जात-पात की गलियों में अटकने वाली नहीं है.’’ उन्होंने बताया कि इसने विकास के हाइवे पर रफ़्तार भर ली है और जाति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित का सम्मान और परिवारवाद का विरोध यही तो बलिया की परिभाषा है. उन्होंने कहा, 'बलिया, पूर्वांचल का विकास और यूपीका विकास मेरा कर्तव्य और मेरी प्राथमिकता है, यूपीने मुझे बहुत कुछ दिया है और इस धरती की संतान के नाते गरीब से गरीब की सेवा का संकल्प लेकर चल पड़ा हूं.' उल्लेखनीय है कि बलिया में 2017 के चुनाव में सात विधानसभा सीटों में पांच सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी जबकि बांसडीह से राम गोविंद चौधरी (विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष) और रसड़ा से उमाशंकर सिंह (विधानसभा में बसपा के दल नेता) चुनाव जीते थे.
बलिया जिले में जातीय गोलबंदी की अटकलें तेज
बैरिया विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार बीजेपी से चुनाव जीते सुरेंद्र सिंह इस बार टिकट न मिलने पर विद्रोही होकर विकासशील इंसान पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि पिछली बार बलिया से चुनाव जीते राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला का क्षेत्र बदलकर उन्हें बैरिया से मैदान में बीजेपी ने उतारा है. बलिया में आनन्द स्वरूप की जगह पार्टी ने इस बार राज्य मंत्री स्वाति सिंह के पति और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. इस समय बलिया जिले में राजनीतिक दांव-पेंच के बीच जातीय गोलबंदी की भी खूब अटकलें हैं.
पीएम मोदी ने की आजादी की लड़ाई में बलिया के योगदान की चर्चा
पीएम मोदी ने आजादी की लड़ाई में बलिया के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि 'ये मेरा सौभाग्य है कि आप इतनी बड़ी संख्या में यहां हम सबको आशीर्वाद ने के लिए आए हैं. यह प्यार और आशीर्वाद कभी भूल नहीं सकता, आपके प्यार और आशीर्वाद को ब्याज समेत लौटाऊंगा और विकास करके लौटाऊंगा.' पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आप सबने मुझे इतना प्यार दिया है कि उसका कर्ज उतार नहीं सकता, बलिया से मेरा एक भावुक रिश्ता यह भी है कि यहीं पर मैंने माताओं-बहनों की जिंदगी बदलने वाली उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि ये धरती जननायक चंद्रशेखर जी की भूमि है, चंद्रशेखर जी को गर्व था कि वे चित्तू पांडेय की धरती से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि बलिया का गहरा संबंध लोकनायक जयप्रकाश नारायण और साहित्यकार हजारी प्रसाद द्विवेदी जी से भी रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इन सभी विभूतियों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. सभा को केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी संबोधित किया. सांसद नीरज शेखर ने अंग वस्त्र तथा सांसद रवींद्र कुशवाहा और वीरेंद्र मस्त ने मोदी को प्रतीक चिन्ह भेंट किया.
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