UP Assembly Election 2022: पीएम नरेन्द्र मोदी चुनावी जनसभा को सम्बोधित करने बस्ती सदर विधानसभा के पॉलिटेक्निक मैदान में पहुंचे. बस्ती जिले की 5 विधानसभाओं के लिए जनसभा को सम्बोधित किया. उन्होंने अपनी सभा में संबोधन के दौरान सपा और कांग्रेस का नाम लिए बिना परिवारवाद पर जमकर हमला बोला.
बस्ती जिले की 5 विधानसभाओं के लिए छठे चरण के लिए 3 मार्च को मतदान होना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनावी जनसभा को सम्बोधित करने पालिटेक्निक मैदान में जनसभा को सम्बोधित करने पहुंचे. उन्होंने अपने सम्बोधन के दौरान परिवारवाद पर जमकर हमाला बोला. उन्होंने कहा, 'जिन लोगों का दिल देश में बम धमाका करने वालों के लिए धड़कता है, वो देश को कभी सशक्त नहीं बनाएंगे. देश तभी आत्मनिर्भर होगा जब देश के राज्य ताकतवर होंगे. जब हमारा उत्तर प्रदेश ताकतवर होगा. लेकिन घोर परिवारवादियों का तो एक ही फारमूला है पैसा. कानून जेब में और जनता उन के पैरों पर. ये लोग देश और उत्तर प्रदेश को ताकतवर नहीं होने देंगे. इन घोर परिवारवादियों ने दशकों तक हमारी सेना को भी पूरी तरह विदेशों पर निर्भर रखा. भारत के रक्षा उद्योग को बरबाद कर दिया, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ही बहत बड़ा डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है. हमारे पास तेल के कुएं नहीं हैं. हम बहुत सा कच्चा तेल बाहर से मंगाते हैं, लाखों करोड रूपये उस पर खर्च करते हैं, लेकिन इन लोगों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया कि गन्ने से ज्यादा से ज्यादा एथेनाल बनाया जा सकता है. उसे पेट्रोल में मिक्स किया जा सकता है. पहले लोग गन्ने से सिर्फ चीनी बनवा रहे थे, नीतियां ऐसी बनाई की चीनी मिलें और गन्ना किसानों दोनो को सरकार की दया पर जीने के लिए मजबूर कर दिया.'
पीएम ने विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, 'कमीशन के लिए जीने वाले परिवारवादी किसानों का कभी भला नहीं कर सकते. किसान हित और राष्ट्रहित के ऐसे कदम ये कभी नहीं उठा सकते, ये किसी जाति के नहीं होते इन के लिए अपना स्वार्थ सबसे बड़ा है, ये कितने स्वार्थी हैं देखिए 2017 में ये किनको लेकर घूमते थे,2019 में आते-आते उन को छोड कर इनको पकड़ लिया. 2022 में नए साथी लेकर आए जो अपने साथियों को छोड़ देते हैं वो आप का साथ क्या देंगे. ये घोर परिवारवादी जब सरकार में थे तो इन लोगों ने फर्जी कम्पनी बना कर कैसे यूपी को लूटा. जब इन घोर परिवारवादियों के पांच साल का लेखा जोखा देखा गया तो पता चला की हजारों करोड़ रुपए का कोई हिसाब ही नहीं है. रातों-रात फर्जी कंपनियां बना कर उन्हें सरकारी ठेका दे दिया, लेकिन वो पैसा कहां गया किसी को पता नहीं चला.'
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