प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Express Way) की शुरूआत करने वाले हैं. उत्तर प्रदेश का यह चौथा एक्सप्रेस वे 340 किमी लंबा है. यह एक्सप्रेस वे लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर के हैदरिया गांव के पास खत्म होगा. यह लखनऊ से शुरू होकर सुलतानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, बाराबंकी, अमेठी, मऊ और बलिया जिले से होते हुए गाजीपुर तक जाएगा. इस एक्सप्रेस वे के शुरू हो जाने के बाद दिल्ली-एनसीआर में रह रहे बिहार के लोगों को बिहार (Bihar) जाने का एक और रास्ता मिल जाएगा. इससे उनके समय और पैसे की बचत होगी.
कहां से कहां तक जाएगा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे
लखनऊ से गाजीपुर तक बना पूर्वांचल एक्सप्रेस वे छह लेन का है. इसकी कुल लंबाई करीब 340 किमी है. उत्तर प्रदेश सरकार की यह महत्वपूर्ण परियोजना 16 नवंबर से जनता के लिए खोल दी जाएगी. इसके निर्माण पर 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है. यह एक्सप्रेस वे गाजीपुर के हैदरिया गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर खत्म होगा. यह राजमार्ग उत्तर प्रदेश और बिहार को जोड़ता है. हैदरिया से 18 किमी की दूरी पर बिहार के बक्सर जिले की सीमा शुरू होती है. बक्सर से पटना तक करीब 125 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क पहले ही शुरू हो चुकी है.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के जरिए राजधानी लखनऊ अन्य एक्सप्रेस-वे के जरिए राजधानी दिल्ली से भी जुड़ जाएगा. दिल्ली से लखनऊ से 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस वे और 302 किमी लंबे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के जरिए जुड़ता है. अब अगर दिल्ली और एनसीआर के शहरों में रहने वाला कोई व्यक्ति अगर अपनी गाड़ी से बिहार जाना चाहता है, तो वह यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से होते हुए लखनऊ पहुंचेगा. वहां से वह पूर्वांचल एक्सप्रेस वे रास्ते बिहार में दाखिल हो जाएगा. इस तरह से दिल्ली पटना की दूरी करीब 1000 किमी रह जाएगी. पहले इसे पूरा करने में करीब 20 घंटे का समय लगता था. अब इसे 10-12 घंटे में पूरा किया जा सकता है.
दूसरी बात यह है कि लखनऊ से उसे बिहार जाने का एक और रास्ता मिलेगा, जो कि गोरखपुर होते हुए बिहार के गोपालगंज जिले में दाखिल होता है. यह नेशनल हाइवे पहले केवल 4 लेन का ही था. सरकार ने अब इसे 6 लेन का बनाने को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्रादिकरण ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है.