PM Modi UP Visit: पीएम मोदी का कल बलरामपुर दौरा, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का करेंगे उद्घाटन
PM Modi UP Visit: पीएम मोदी 318 किलोमीटर लंबी और करीब 9800 करोड़ रुपये की लागत वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करेंगे.
PM Modi UP Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का दौरा करेंगे. वे बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर से होकर गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लंबी और करीब 9800 करोड़ रुपये की लागत वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन दोपहर 1 बजे से करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि इस परियोजना से तकरीबन 14 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और करीब 29 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा.
पीएमओ के मुताबिक, इस परियोजना पर काम की शुरुआत 1978 में हुई थी लेकिन बजट आवंटन, संबंधित विभागों के बीच समन्वय और उपयुक्त निगरानी के अभाव में इसमें देर हुई और करीब चार दशकों तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी. पीएमओ ने कहा कि किसानों के कल्याण और उनके सशक्तीकरण के साथ ही राष्ट्रीय महत्व की लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करने की प्रतिबद्धता की वजह से प्रधानमंत्री ने इस परियोजना पर अपना ध्यान केंद्रित किया.
इस परियोजना को पूरा करने के मकसद से मोदी, वर्ष 2016 में इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ले आए और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया. पीएमओ ने बताया कि इसे साकार करने के लिए भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनों सहित अन्य समस्याओं का समाधान निकाला गया और इसी का परिणाम है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम चार वर्षों के भीतर ही पूरा कर लिया गया.
पीएमओ ने कहा कि इस परियोजना को 9800 करोड़ रुपये में पूरा किया गया. इसमें से 4600 करोड़ रुपये का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया. इस परियोजना में पांच नदियों को भी जोड़ा गया है. घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के 25 से 30 लाख किसानों को लाभ मिलेगा. पीएमओ ने कहा कि इस परियोजना में देरी की वजह से क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ लेकिन अब इससे उन्हें लाभ मिलेगा. ‘‘अब क्षेत्र के किसान बड़े स्तर पर पैदावार कर सकेंगे और क्षेत्र की कृषि उत्पादक क्षमता का लाभ उठाएंगे.’’