प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। वाराणसी सीट से सांसद चुने गए पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने निर्वाचन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी को खारिज किये जाने की अपील की है। पीएम मोदी की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि अर्जी दाखिल करने वाले सपा नेता और पूर्व फ़ौजी तेज बहादुर यादव न तो वाराणसी लोकसभा सीट के वोटर हैं और न ही वहां हुए चुनाव में प्रत्याशी थे, ऐसे में उन्हें अदालत में चुनाव याचिका दाखिल करने का अधिकार ही नहीं है। पीएम मोदी की तरफ से उनके वकीलों ने इसी आधार पर तेज बहादुर यादव की चुनाव अर्जी को तथ्यों के आधार पर सुने बिना ही खारिज किये जाने की अपील की है। पीएम मोदी की इस अपील पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता तेज बहादुर यादव को दो हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत इस मामले में चार सितम्बर को फिर से सुनवाई करेगी।
पीएम मोदी की तरफ से आज की सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन समेत कई बड़े वकीलों ने बहस की। पीएम मोदी की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 व पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट की धारा 86 (1) के तहत याचिका बिना किसी ठोस वजह के दाखिल की गई है। इसके साथ ही नियम यह भी है कि चुनाव याचिका सिर्फ उस सीट से चुनाव लड़ने वाला वैध प्रत्याशी या कोई वोटर ही दाखिल कर सकता है, तेज बहादुर यादव न तो वाराणसी सीट से चुनाव लड़े थे और न ही वह वहां के वोटर हैं, ऐसे में उन्हें चुनाव याचिका दाखिल करने का हक़ ही नहीं है। इसी आधार पर उनकी अर्जी को सुनवाई के बिना ही खारिज कर दिया जाना चाहिए। तेज बहादुर यादव की इस अर्जी में एबीपी न्यूज चैनल को भी पक्षकार बनाया गया था। हलांकि कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सिर्फ सांसद नरेंद्र मोदी को ही नोटिस जारी किया था।
समाजवादी पार्टी से टिकट पाने वाले पूर्व फ़ौजी तेज बहादुर की इस अर्जी में वाराणसी सीट से पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द कर वहां नये सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की गई थी। तेज बहादुर ने इसके लिए अपना नामांकन पत्र खारिज किये जाने को बड़ा आधार बनाया था और आरोप लगाया था कि उनका परचा पीएम मोदी के दबाव में खारिज किया गया है। अर्जी में इसके साथ ही पीएम व बीजेपी उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी के नामांकन पत्र में परिवार के ब्यौरे समेत कई कालम खाली छोड़े जाने को भी चुनौती दी गई थी। कहा गया था कि इस आधार पर उनका नामांकन भी खारिज हो जाना चाहिए। तेज बहादुर यादव की इस अर्जी को जस्टिस एमके गुप्ता की बेंच ने सत्रह जुलाई को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को नोटिस जारी किया गया था और उनसे जवाब दाखिल करने को कहा गया था। पीएम मोदी की तरफ से आज इसी नोटिस पर जवाब दाखिल करते हुए अर्जी को खारिज किये जाने की अपील की गई।