Mahakumbha 2025: महाकुंभ के पहले कुम्भ नगरी प्रयागराज के घाट अपने भव्य स्वरूप में नजर आएंगे. योगी सरकार ने बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुम्भ नगरी प्रयागराज के प्राचीन घाटों का पुनरुद्धार किया है. पीएम मोदी के आगमन के पहले यह बनकर तैयार हो जाएंगे. महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की गतिविधियां गंगा और यमुना के घाट पर होती हैं. इन घाटों पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं.
योगी सरकार ने इन घाटों का कायाकल्प किया है. जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन की तरफ से गंगा और यमुना नदी के इन सात घाटों को नया स्वरूप दिया जा रहा है. आपको बता दें कि 11.01 करोड़ की लागत से घाटों का कायाकल्प हो रहा है और 11 दिसंबर को पीएम मोदी के आगमन के पहले यह काम पूरा हो जाएगा.
इन घाटों का किया जा रहा कायाकल्प
गंगा और यमुना नदी के जिन 7 घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं. इन सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और कायाकल्प का काम पूरा हो चुका है. 11 दिसंबर तक फिनिशिंग का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा.
श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़े स्तर की सुविधा मिले इस लिहाज से घाटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. वहीं इन घाटों को सुदंर और स्वच्छ बनाने के लिए हरित पट्टी को भी विकसित किया गया है. इन घाटों पर काशी की तरह छतरी, हाईमास्ट, पेयजल आदि की व्यवस्था की गई है. गौरतलब है कि, 15 जनवरी से प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले को लेकर प्रदेश की योगी सरकार युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है. इस बार महाकुंभ मेले में 40 करोड़ से अधिक लोगों के पहुंचने का अनुमान है. स्थानीय प्रशासन भी तैयारियों में जुटा है.
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