UP Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों राजस्थान के बांसवाड़ा में दिए बयान की चर्चा चहुंओर हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर देश में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सरकार आई तो वह महिलाओं के मंगलसूत्र को भी छीन लेगी. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार बदली तो देश की संपत्तियों को मुस्लिमों में बांट दिया जाएगहा. पीएम ने अपने बयान के पक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र किया. पीएम के इस बयान के खिलाफ कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग का रुख किया और उनकी शिकायत की. वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने पीएम की इस टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.
लोकसभा चुनाव 2024 में एक ओर जहां विपक्ष लोकसभा चुनाव को जातीय आधार पर मोड़ने की कोशिश में लगा हुआ था, वहीं पीएम मोदी के एक बयान ने पूरे चुनाव का रुख बदल दिया. आइए हम आपको पीएम मोदी के उन चुनावी बयानों के बारे में बताते हैं जिनकी चर्चा कई बार होती है और विपक्ष उनकी जमकर आलोचना करता है.
2017 में पीएम मोदी ने किया शम्शान-कब्रिस्तान का जिक्र
बात साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव की है. फतेहपुर में पीएम मोदी ने कहा था, 'अगर होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए. भेदभाव नहीं होना चाहिए. धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए.' इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी बिजली मिलनी चाहिए. गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यूपी में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. पीएम मोदी के इस बयान से यूपी में चुनावी रुख ही बदल गया था.
2019 में कपड़ा पहचानने वाला बयान
साल 2019 में जब सीएए विरोधी आंदोलन चल रहे थे उस वक्त पीएम मोदी ने झारखंड में एक सभा की थी. 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में पीएम ने कहा था- ये कांग्रेस और उसके साथी हो-हल्ला मचा रहे हैं, तूफान खड़ा कर रहे हैं. उनकी बात चलती नहीं है तो आगजनी फैला रहे हैं. ये जो आग लगा रहे हैं, टीवी पर जो उनके दृश्य आ रहे हैं, ये आग लगाने वाले कौन हैं, उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है. झारखंड चुनाव में विपक्षी दल जातीय जनगणना समेत कई मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि बीजेपी झारखंड का चुनाव हार गई थी और JMM-कांग्रेस की सरकार बनी थी.
2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की अपील
2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के लातूर में पीएम मोदी ने एक रैली में पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से कहा था, ‘’वे अपने मत उन बहादुर लोगों को समर्पित करें, जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले को अंजाम दिया.’’ मोदी ने कहा, ‘‘क्या आपका पहला वोट हवाई हमला करने वालों के लिए हो सकता है?’’ उनके इस बयान के खिलाफ सीपीएम ने चुनाव आयोग का रुख किया था.
2022 यूपी चुनाव में कही थी ये बात...
साल 2022 के चुनाव में पीएम मोदी ने परिवारवाद का मुद्दा जमकर उठाया था. कानपुर की एक रैली में पीएम ने कहा था कि 2022 में भी परिवारवादी हारेंगे और गाजेबाजे के साथ योगी की सरकार आ रही है. इस चुनाव में भी योगी सरकार को जनता ने दोबारा चुना था.
2024 में मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश की संपत्ति "उन लोगों को बांट देगी जिनके अधिक बच्चे हैं". राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली के दौरान, प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश की संपत्ति को "घुसपैठियों" और "जिनके अधिक बच्चे हैं" उनके बीच वितरित किया जा सकता है. वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय को देश के संसाधनों तक प्राथमिकता से पहुंच मिलनी चाहिए. पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस के घोषणापत्र से संकेत मिलता है कि वे माताओं और बहनों की सोने की संपत्ति का मूल्यांकन करने, उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करने और बाद में उस संपत्ति को वितरित करने की योजना बना रहे हैं. वे इसे किसे वितरित करेंगे? मनमोहन सिंह के प्रशासन ने जोर देकर कहा था कि मुसलमानों को देश की संपत्ति तक पहुंचने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए.“
इसी चुनाव में मंगलवार को पीएम ने आरोप लगया था कि कांग्रेस के शासन वाले कर्नाटक में वहां एक छोटे दुकानदार को बुुरी तरफ पीटा गया क्योंकि वह अपनी दुकान में बैठे-बैठे हनुमान चालीसा सुन रहा था. एक छोटी दुकान में गरीब आदमी को हनुमान चालीसा सुनने की वजह से लहूलुहान कर दिया. कांग्रेस के राज में हनुमान चालीसा भी नहीं सुनने दिया जाता.
पीएम मोदी के इन बयानों से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों में जमकर नाराजगी है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता इसके बचाव में खड़े हैं. विपक्ष हर बार चुनाव को एक ओर जहां जाति आधारित बनाने की कोशिश करता है तो वहीं पीएम के बयान से धार्मिक ध्रुवीकरण के आरोप लगते हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि साल 2024 के चुनाव में पीएम मोदी के बयानों का मतदाताओं पर क्या असर होता है.