नई दिल्‍ली, एबीपी गंगा। राजधानी दिल्‍ली के इंदिरा गांधी स्‍टेडियम में हुए कारगिल विजय दिवस समारोह में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कारगि‍ल के शूरवीरों को नमन करते हुए कहा कि 20 साल पहले जो वीरगाथा लिखी गई, वह पीढ़‍ियों को प्रेरणा देती रहेगी। पीएम मोदी ने कहा, ये शाम उत्‍साह भी भरती है, विजय का स्‍वाद भी भरती है और त्‍याग समर्पण के प्रति स‍िर झुकाने के लिए प्रेर‍ित भी करती है। उन्‍होंने कहा, कारगि‍ल की जीत देश के संकल्‍प और सामर्थ्‍य की जीत है, ये देश के अनुशासन की जीत है। पीएम मोदी ने कहा, जब युद्ध होता है तो इसे सरकारें  नहीं लड़तीं, इसे पूरा देश लड़ता है।


पूरा देश सैनिकों के लिए खड़ा था


पीएम मोदी ने कहा, मैं तब कारगिल गया था, जब युद्ध चरम पर था। तब मैंने अपने सैनिकों को उस मोर्चे पर जुटे हुए देखा था। कारगिल विजय का स्‍थल मेरे लिए तीर्थस्‍थल की अनुभूति कराता है। पूरा देश सैनिकों के लिए तैयार खड़ा था। नौजवन रक्‍तदान के लिए खड़े हो गए थे। बच्‍चों ने अपनी गुल्‍लक तोड़ दी थी।



1999 में हमने पाकिस्‍तान का सीना छलनी किया


पीएम मोदी ने कहा कि हमने सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन लागू किया। इस बार भी हमने सरकार के बनते ही सबसे पहले सैनिकों के बच्‍चों की स्‍कॉलरशि‍प बढ़ाने का काम किया। हमने देश को वॉर मेमोरियल समर्प‍ित किया। पाकिस्‍तान हमेशा से हमारे साथ हमेशा ही छल करता रहा है, लेकिन 1999 में हमने पाक के छल को छलनी कर दिया।



सुरक्षा के लिए हमने कदम उठाए हैं


पीएम मोदी ने कहा, जब मैं इजरायल जाता हूं तो वहां की सरकार हमें हमारी सैनिकों की फोटो दिखाती है। फ्रांस की सरकार दूसरे विश्‍वयुद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद करती है। राष्‍ट्रहित में न काम किसी के प्रभाव में होगा, न दबाव में होगा और न ही किसी अभाव में होगा। सुरक्षा के लिए हमने कदम उठाए हैं और उठाते रहेंगे। समुद्री सीमा में जहां भी जरूरत होगा, भारत अपने अधिकारों का इस्‍तेमाल करेगा। सेना को हम आधुनिक बनाने जा रहे हैं।



शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है


पीएम मोदी ने कहा, भारत का इतिहास गवाह है कि भारत कभी आंक्राता नहीं रहा है। मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है। हमारा देश इसी नीति पर चला है। भारत में हमारी सेना की छवि देश की रक्षा की है तो विश्व में हम मानवता और शांति के रक्षक भी हैं। पीएम ने कहा कि आज लड़ाइयां अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं और साइबर स्तर पर भी लड़ी जाती है। इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है। जल, थल, नभ सभी जगह हमारी सेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है