Medical Colleges in Uttar Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को आज एक साथ 9 मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) की बड़ी सौगात दी. तकरीबन 2329 करोड़ की लागत से ये 9 मेडिकल कॉलेज प्रदेश के 9 जिलों में तैयार हुए हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है, जो 2017 से पहले केवल 12 थी. सत्ता में आने के बाद से ही बीजेपी (BJP) ने यूपी को मेडिकल इंफ्रा के हब के तौर पर विकसित करने का लक्ष्य रखा और यही वजह है कि अब तक साढ़े 4 साल में 16 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं और 14 पर काम चल रहा है. 


9 नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों का शुभारंभ किया गया
पीएम मोदी ने आज यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को बूस्टर डोज दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 9 नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों का शुभारंभ किया गया. इसके साथ ही एक साथ 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करने वाला यूपी देश का इकलौता राज्य बन गया. हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने में जुटी योगी सरकार के इस प्रयास से प्रदेश को एक ही दिन में 2970 बेड अस्पतालों को मिले हैं और एमबीबीएस की 900 सीटों की सौगात मिली है. इस तरह 2017 के पहले अगर एमबीबीएस सीटों की बात करें तो राजकीय मेंडिकल कॉलेजों में 1840 एमबीबीएस की सीटें थी और निजी मेडिकल कॉलेजों में 2550 सीटें थी जबकि 2021 में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें बढ़कर 3000 हो गई और वहीं निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें पढ़कर 4150 हो गई. इसी तरह एमडी एमएस की सीटों की बात करें तो 2017 तक राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 741 सीटें थी और निजी मेडिकल कॉलेजों में 603 थी जबकि 2021 में एमडी एमएस की सीटें राजकीय मेडिकल कॉलेजों में बढ़कर 1027 हो गई और निजी मेडिकल कॉलेजों में 1064 हो गई.


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रिकॉर्ड बनाने की राह पर है यूपी 
यूपी में साल 2017 के पहले केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे और सिर्फ साढ़े चार सालों में नए मेडिकल कॉलेजों से यूपी नया रिकॉर्ड बनाने की राह पर है. प्रदेश सरकार 'वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज' के साथ प्रत्येक जिले को चिकित्सीय सुविधाओं से लैस करने में जुटी है. साल 2017 से 2021 के बीच में योगी सरकार ने सात नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए जिसमें सोमवार को 9 और मेडिकल कॉलेज की संख्या में वृद्धि हो गई है. इसके अलावा प्रदेश में 14 नए मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया चल रही है, जो वर्ष 2022-2023 तक चालू हो जाएंगे. सरकार द्वारा लाई गई नई नीति के तहत 16 जिलों में पीपीपी मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज स्थापित होंगे. इसके अलावा केंद्र सरकार के 4 चिकित्सा संस्थान संचालित हैं. प्रदेश में चालू 30 अन्य निजी मेडिकल कॉलेज को मिलाकर ये संख्या लगभग 100 के करीब पहुंच जाती है.


चिकित्सकीय सुविधाओं का हो रहा है विस्तार  
इतना ही नहीं पिछले डेढ़ साल में प्रदेश सरकार ने अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या में 15 गुना इजाफा किया है जबकि ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की संख्या 30 गुना तक बढ़ाई गई है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में कोरोना संक्रमण से पहले जहां कुल वेंटीलेटरों की संख्या 225 थी वहीं कोरोना संक्रमण के दौर से लेकर अब तक उनकी संख्या 3,424 हो गई है. इसी तरह ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की संख्या जो कोरोना संक्रमण से पहले 587 थी वो अब तक 19,394 हो गई है. वहीं, प्रदेश में बेड की संख्या पहले जहां 63,240 थी वो अब बढ़कर 71,970 हो गई है. इसके अलावा सभी जिलों में बीएसएल टू लैब, सीटी स्कैन यूनिट, डायलिसिस यूनिट समेत अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है.



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