नई दिल्ली, जेएनएन। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार केरल पहुंचे। यहां उन्होंने त्रिसूर के प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की। इस दौरान पीएम मोदी ने पारंपरिक परिधान पहनकर पूजा की। त्रिसूर के गुरुवायुर के बाद प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी-अभी लोकतंत्र का एक महाउत्सव संपन्न हुआ है। राजनीतिक दल और पोलिटिकल पंडित जनता के मूड को नहीं पहचान पाए।


उन्होंने कहा कि कई लोगों को विचार आता होगा कि केरल में मोदी का खाता भी नहीं खुला फिर भी केरल में धन्यवाद करने क्यों गए, मैं बता कि जो हमें जिताते हैं वे भी हमारे हैं और जो हमें जिताने में चूक गए हैं वे भी हमारे हैं। केरल भी मेरा उतना ही है जितना कि बनारस मेरा है।

मोदी ने कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सिर्फ चुनावी राजनीति के लिए मैदान में नहीं आते बल्कि 24 घंटे सातों दिन समाज के बीच रहते हैं। मोदी ने कहा कि हम राजनीति में सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं, देश निर्माण के लिए आए हैं।


पीएम ने इस दौरान कहा कि भगवान कृष्ण के जीवन के साथ पशु-प्रेम जुड़ा रहा है। हम देश के किसी भी कोने में जाएं, भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


मोदी ने बताया कि इस बार उनकी सरकार ने मछुवारों के लिए अलग मंत्रालय बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का बीड़ा उठाया है। हमने केरल में पर्यटन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं। मैं केरल सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह यहां आयुष्मान भारत योजना को लागू करे। जिसका फायदा गरीबों को बीमारियों से लड़ने में मिल सके।