Ujjwala Yojana 2.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ किया. योजना की शुरुआत यूपी के महोबा जिले के लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन सौंपकर हुई. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम से जुड़े. मोदी ने इस दौरान देश की जनता को संबोधित किया. मोदी ने कहा कि आज उज्ज्वला योजना के अगले चरण में कई बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन और गैस चूल्हा मिल रहा है मैं सभी लाभार्थियों को फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि आज मैं बुंदेलखंड की एक और महान संतान को याद कर रहा हूं. मेजर ध्यान चंद, हमारे दद्दा ध्यानचंद. देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया है. मुझे पूरा विश्वास है कि ओलंपिक में हमारे युवा साथियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन के बीच खेल रत्न के साथ जुड़ा दद्दा का ये नाम लाखों करोड़ों युवाओं को प्रेरित करेगा.


पीएम मोदी ने गिनाईं योजनाएं
मोदी ने कहा कि बीते साढ़े सात दशकों की प्रगति को हम देखते है तो हमें जरूर लगता है कि कुछ स्थितियां, कुछ हालात ऐसे हैं जिनको कई दशक पहले बदला जा सकता था. घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल, स्कूल, ऐसी अनेक मूल आवश्यकताएं है जिनकी पूर्ति के लिए दशकों का इंतजार देशवासियों को करना पड़ा, ये दु:खद है.


हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्रनिर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी, जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी. इसलिए, बीते 6-7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है. बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण के इस संकल्प को उज्ज्वला योजना ने बहुत बड़ा बल दिया है. योजना के पहले चरण में 8 करोड़ गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों की बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया. प्रधानमंत्री आवास योजना में 2 करोड़ से अधिक गरीबों के पक्के घर बने हैं. इन घरों में अधिकतर मालिकाना हक महिलाओं का है. हमने हजारों किमी ग्रामीण सड़कें बनाई, तो सौभाग्य योजना के जरिए करीब 3 करोड़ गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया.


मोदी बोले- अब नहीं आएगी ये दिक्कत
बुंदेलखंड सहित पूरे यूपी और दूसरे राज्यों के हमारे अनेक साथी, काम करने के लिए गांव से शहर जाते हैं, दूसरे राज्य जाते हैं, लेकिन वहां उनके सामने एड्रेस के प्रमाण की समस्या आती है. ऐसे ही लाखों परिवारों को उज्ज्वला 2.0 योजना सबसे अधिक राहत देगी. अब मेरे श्रमिक साथियों को एड्रेस के प्रमाण के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है. सरकार को आपकी ईमानदारी पर पूरा भरोसा है. आपको अपने पते का सिर्फ एक सेल्फ डेक्लेरशन, यानि खुद लिखकर देना है और आपको गैस कनेक्शन मिल जाएगा.


"जल्द पाइप से गैस भी आएगी"
मोदी ने बताया कि सरकार का प्रयास इस दिशा में भी है कि आपकी रसोई में पानी की तरह गैस भी पाइप से आए. ये गैस सिलेंडर के मुकाबले बहुत सस्ती भी होती है. 
उत्तर प्रदेश सहित पूर्वी भारत के अनेक जिलों में PNG कनेक्शन देने का काम तेजी से चल रहा है. अब देश मूल सुविधाओं की पूर्ति से, बेहतर जीवन के सपने को पूरा करने की तरफ बढ़ रहा है. समर्थ और सक्षम भारत के इस संकल्प को हमें मिलकर सिद्ध करना है. इसमें बहनों की विशेष भूमिका होने वाली है.


लाभार्थियों से किया पीएम मोदी ने संवाद
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुछ लाभार्थियों के साथ बातचीत भी की. मोदी ने सबसे पहले उत्तराखंड की लाभार्थी बूंदी देवी से बात की. बूंदी देवी ने योजना के तहत मिले एलपीजी कनेक्शन से आए जिंदगी में बदलाव के अनुभव को साझा किया. बूंदी देवी ने बताया कि एलपीजी कनेक्शन मिलने से समय की काफी बचत हुई है. साथ ही वो अपने बीमार पिता की भी देखपाल कर पाती हैं. वहीं, गोरखपुर की रहने वाली एक लाभार्थी किरण ने बताया कि एलपीजी से खाना बनाने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती, जबकि लकड़ी से खाना बनाने के कारण उनकी तबीयत खराब हो जाती थी. योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन मिलने पर उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद कहा.


"महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा हुई"
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि 6 साल पहले बलिया जिले से उज्ज्वला योजना के पहले चरण की शुरुआत हुई थी. योजना के तहत पूरे देश के अंदर 8 करोड़ लोगों को मुफ्त रसोई गैस का कनेक्शन और सिलेंडर दिया गया. इस योजना से ग्रीन योजना के क्षेत्र में और नागरिक के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया. साथ ही इससे पर्यावरण और नारी की गरिमा और उनके स्वास्थ्य की भी रक्षा हुई.


बता दें कि साल 2016 में शुरू किए गए उज्ज्वला योजना के दौरान गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों की 5 करोड़ महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था. अप्रैल 2018 में इस योजना का विस्तार किया गया और इसमें सात और श्रेणियों (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पीएमएवाई, एएवाई, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, चाय बागान, वनवासी, द्वीप समूह) की महिला लाभार्थियों को शामिल किया गया. इसके लक्ष्य को संशोधित कर 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन कर दिया गया. इस लक्ष्य को निर्धारित तिथि से सात महीने पहले अगस्त 2019 में ही हासिल कर लिया गया था.


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