लखनऊ: जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. शनिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमीन के लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर इसे अंतिम रूप दे दिया. सीएम ने एक कार्यक्रम को दौरान 1334 हेक्टेयर जमीन को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को 90 साल की लीज पर सौंप दिया. इसके अलावा राज्य सरकार के सूत्र की मानें तो अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसक शिलान्यास कर सकते हैं.


विकास में मील का पत्थर साबित होगा


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ये हवाई अड्डा इस क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. यही नहीं, कोरोना महमारी के बावजूद हम इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे. यही नहीं, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी और निर्विवाद तरीके से निपटाने में उन्होंने स्थानीय प्रशासन की सराहना की. 


स्विस कंपनी को मिला ठेका


नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए ग्लोबल टेंडर के माध्यम से सबसे अधिक प्रति पैसेंजर प्रीमियम की बोली 400.97 रुपए लगाने वाली कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को विकास कर्ता के रूप में चयनित भी किया जा चुका है. जेवर एयरपोर्ट 5 हजार हेक्टेयर में फैला होगा. इस पर आने वाला अनुमानित खर्च 29,560 करोड़ रुपये है.


दो से बढ़कार छह रन-वे किये गये 


राज्य सरकार द्वारा नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रनवे की संख्या 2 से बढ़ाकर 6 किए जाने का फैसला लिया गया है. इसके लिए 1365 एकड़ भूमि के अर्जन की लागत लगभग 2890 करोड़ के सापेक्ष राज्यांश 1084 करोड़ की धनराशि रिलीज की जा चुकी है. इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से जोड़े जाने के संबंध में भी तेजी से काम किया जा रहा है. साथ ही जेवर एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से जोड़े जाने और मेट्रो रेल से जोड़े जाने पर भी योजना बनाई जा रही है.


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