PM Modi on Katchatheevu: पश्चिमी यूपी की सरजमीं पर भले ही प्रधानंत्री मोदी आए थे. गरीब, किसान, नौजवान की चिंता भी की, सरकार की उपलब्धियां भी गिनवाईं, लेकिन पश्चिम की धरती से दक्षिण भारत को भी पीएम मोदी साध गए. कच्चाथीवू द्वीप का जिक्र कर मोदी ने बड़ा दाव चला, यानि मोदी भले ही मेरठ में थे लेकिन दक्षिण भारत की सियासी जमीन पर वो भविष्य की उम्मीदों का रास्ता बनाने की कोशिश करते दिखे और कांग्रेस को आड़े हाथों लेने में भी पीछे नहीं रहे.


पीएम मोदी मेरठ में चुनावी शंखनाद करने आए थे, मेरठ के क्रांतिवीरों की बात करते करते पीएम मोदी ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये लोग देश की एकता और अखंडता को तोड़ते रहें हैं. तभी पीएम मोदी के भाषण में तमिलनाडु की एंट्री होती है, उन्होंने कहा कि तमिलनाडु से कुछ किलोमीटर दूर कच्चाथीवू द्वीप है, सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. देश आजाद हुआ तो ये द्वीप हमारे पास था, लेकिन कांग्रेस ने चार पांच दशक पहले मां भारती का ये अंग काट दिया, भारत से अलग कर दिया. भारत के मछुआरे जब मछली पकड़ने जाते हैं तो उन्हें यहां गिरफ्तार कर लिया जाता है और ये कांग्रेस के पाप का परिणाम है. साफ है कि पीएम मोदी इस रैली को पश्चिमी यूपी या यूपी तक ही सीमित नहीं रखना चाहते थे, बल्कि दक्षिण भारत में भी बड़ा संदेश देना चाहते थे और ये मंच से उन्होंने करके भी दिखा दिया.


दक्षिण भारत में बीजेपी के लिए नए रास्ते तलाश रहे हैं पीएम मोदी 


कच्चाथीवू द्वीप का जिक्र पीएम मोदी ने ऐसे ही नहीं किया. पीएम मोदी के इस बयान के पीछे बड़ी सोच और रणनीति छिपी है. लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत में मोदी नई सियासी जमीन तलाशना चाहते हैं. चूंकि मेरठ क्रांति भूमि है और यहां से कही गई बात का असर बड़ी दूर तलक नजर आता है. इसी के तहत पीएम मोदी ने दक्षिण भारत को साधने के लिए मेरठ को चुना. मेरठ से तमिलनाडु की चिंता करके पीएम मोदी ने बड़ा संदेश दिया है कि वो चाहे कहीं भी जाएं, हजारों किलोमीटर दूर भी हों लेकिन कच्चाथीवू द्वीप उनके आज भी दिल में बसता है. इस द्वीप को हाथ से निकलने के लिए वो कांग्रेस को बार बार जिम्मेदार ठहराते दिखे. हालांकि मेरठ पहुंचने से पहले पीएम ने सुबह इस द्वीप को लेकर ट्वीट भी किया था, यानी तपिश सुबह से ही बढ़ानी शुरू कर दी थी.


दक्षिण का किला भेदने को पीएम मोदी ने किया कच्चाथीवू द्वीप का जिक्र


तमिल चाहते हैं कि कच्चाथीवू द्वीप उन्हें वापिस मिल जाए. ये मांग उनकी बरसों पुरानी है. वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र शर्मा का कहना है कि पीएम मोदी ने कच्चाथीवू द्वीप का जिक्र करके दक्षिण भारत के लोगों की भावनाओं से जुड़ने का काम किया है. पीएम मोदी दक्षिण भारत में मजबूत पैठ बनाना चाहते हैं और तमिलनाडु में मजबूत पैठ बनाने के उद्देश्य से ही पीएम ने मेरठ से कच्चाथीवू द्वीप का जिक्र किया. पीएम मेरठ में भले ही थे लेकिन उनकी नजर देश के दूसरे कोने पर भी थी. पीएम मोदी के इस मुद्दे को धार देने असर बीजेपी को लोकसभा चुनाव में भी मिलने की बड़ी उम्मीद है.


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