Hapur News: हापुड़ में लोगों की मेहनत से पुनर्जीवित हुई नीम नदी, पीएम मोदी ने भी किया 'मन की बात' में जिक्र
Hapur News: यूपी के हापुड़ में लोगों की मेहनत से नीम नदी एक बार फिर से पुनर्जीवित हुई है, पीएम मोदी ने भी इसका जिक्र अपने मन की बात कार्यक्रम के 102वें एपिसोड में किया है.
Hapur Neem River: उत्तर प्रदेश के हापुड़ (Hapur) में लोगों की मेहनत से नीम नदी (Neem River) एक बार फिर से कल-कल बहने लगी है. जीरो प्रतिशत प्रदूषण वाली ये नदी हापुड़ से अलीगढ़ (Aligarh) तक बहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी मन की बात के 102वें एपिसोड में इस विलुप्त हुई नीम नदी को पुनर्जीवित किये जाने का जिक्र किया था. इसको लेकर हापुड़ में नीम नदी के उद्गम स्थल गांव दत्तियाना के ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है.
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र करते हुए कहा था, "यूपी के हापुड़ जिले में लोगों ने मिलकर के एक विलुप्त नदी को पुनर्जीवित किया है. यहां काफी समय पहले 'नीम' नाम की एक नदी हुआ करती थी. समय के साथ वो विलुप्त हो गई थी, लेकिन स्थानीय स्मृतियां और जन-कथाओं में उसे हमेशा याद किया जाता रहा है. अब हापुड़ के लोगों ने अपनी इस प्राकृतिक धरोहर को फिर से सजीव करने की ठाना और लोगों के सामूहिक प्रयास से अब नदी फिर से जीवंत होने लगी है. नदी के उद्गम स्थल को अमृत सरोवर के तौर भी विकसित किया जा रहा है.
तीन जिलों से होकर गुजरती है नदी
दरअसल हापुड़ की नीम नदी यूपी के तीन जिलों से होकर गुजरती है. इसका उद्गम हापुड़ जिले के दत्तियाना गांव में है. यह एक ऐतिहासिक गांव है. बताया जाता है कि यह ऋषि दत्तात्रेय की तपोस्थली रही है. उन्हीं के नाम पर गांव का नाम भी दत्तियाना पड़ा है. यह नदी दत्तियाना से रजवाहा के साथ होते हुए साइफन घास के जरिए राजवाहा को पार करती है. जो हापुड़ जिले के 14 गावों से होकर गुजरते हुए बुलंदशहर जिले में पहुंच जाती है. हापुड़ में इसकी लंबाई 14.2 किमी है और 134 किमी बुलंदशहर में, 40 किमी अलीगढ़ में है.
जीरो प्रतिशत प्रदूषण वाली नीम नदी
अलीगढ़ में पहुंचने के बाद ये नदी काली नदी में जाकर मिलती है. जो बाद में गंगा में जाकर विलय हो जाती है. यह एक ऐसी नदी है जिसमें जीरो प्रतिशत प्रदूषण है और यह काली नदी की सहायक नदी होने के कारण उसके प्रदूषण को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हापुड़ के दतियाना गांव में नीम नदी का उद्गम स्थल है और फिर ये नदी यहां से हिम्मतपुर, राजपुर, सिखैड़ा, नया बांस, हाजीपुर, मुरादपुर, सैना, बंगाली और दरियापुर होते हुए नदी खुराना गांव पहुंचती है जिसके बाद यह जनपद बुलंदशहर की सीमा में प्रवेश करती है.
नीम नदी के उद्गम स्थल और उसके पुनर्जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नीर फाउंडेशन के रमाकांत त्यागी ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि मोदी जी ने अपने मन की बात में नीम नदी के पुनर्जीवित होने की बात कही है जिससे हम लोगों की मेहनत सफल हो गई है.
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