Ayodhya News: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तीन दिवसीय अमेरिका (America) यात्रा में उनकी तरफ से दिए गए उपहार की खबरें भी सुर्खियों में हैं. कहने को तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और उनकी पत्नी जिल बाइडेन (Jill Biden) ने भी पीएम मोदी का भव्य स्वागत करते हुए उन्हें उपहार दिए. पीएम मोदी ने उपहार के रूप में जो कुछ भी दिया, उन सब को देने के पीछे की एक पूरी कहानी है. सब का अपना-अपना महत्त्व भी है. सबसे पहले पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी को भगवान गणेश की मूर्ति समेत जो उपहार सौंपे हैं, उनके महत्व को जानते हैं.


पीएम ने भारत के अलग-अलग राज्यों की परंपराओं से जुड़ी मशहूर चीजों को अपने उपहार में शामिल किया है. इनमें गुड़ दान के रूप में प्रयोग किया जाने वाला महाराष्ट्र का गुड़, पंजाब का प्रसिद्ध घी, उत्तराखंड का लंबे दाने वाला प्रसिद्ध चावल. गुजरात का नमक, तमिलनाडु का तिल, कर्नाटक के मैसूर की सुगंधित चंदन की लकड़ी का टुकड़ा, पश्चिम बंगाल के हाथों से निर्मित चांदी का नारियल, राजस्थान के कारीगरों की ओर से हस्त निर्मित सोने और चांदी का सिक्का, कोलकाता के चांदी कारीगरों की तरफ से हस्त निर्मित चांदी की मूर्ति, उत्तर प्रदेश में निर्मित चांदी का श्लोक लिखा तमपत्र. इन सब के अपने-अपने महत्व और स्थान है.


साधु-संतों ने दी ये प्रतिक्रिया


इस पर अयोध्या के साधु-संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि जो हमारी सनातन संस्कृति है, सनातन धर्म है, इसमें जो दान देने की परंपरा है, अनेक तरह के दान हैं. जैसे-भूमि दान है. भूमि दान की जगह पीएम मोदी ने चंदन दिया है कि यह हमारी भूमि है, यह खुशबू कहीं मिल नहीं सकती जो भारत में खुशबू है. पंजाब का घी दिया है जो दुनिया का सर्वश्रेष्ठ, सबसे ज्यादा शक्तिशाली होता है इसलिए घी दिया. उत्तराखंड का चावल भेंट किया है और अन्न दान है. अन्न के बिना व्यक्ति जीवन धारण नहीं कर सकता है.


जगतगुरु परमहंस आचार्य ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने गो दान किया है. हमारी सनातन संस्कृति में गाय विश्व की मां है और तमाम वैज्ञानिकों ने भी इस बात को सिद्ध कर दिया है जो मां की दूध से ताकत प्राप्त होता है, वही ताकत गाय के दूध में प्राप्त होता है. ऐसे में गाय को मां कहते हैं. इसी तरह ग्रीन डायमंड के कई मतलब हैं. इसके पीछे बहुत ही बड़ा रहस्य छुपा हुआ है और हमारे यहां यह परंपरा रही है जब लोग एक-दूसरे से मिलते हैं तो अपनी सामर्थ्य के अनुसार जो देश की सर्वश्रेष्ठ वस्तु होती थी, उसको लोग भेंट करते थे.


'अमेरिका वासियों को बरसों चिंतन करना पड़ेगा'


आचार्य ने कहा कि पीएम मोदी ने जो अमेरिकी राष्ट्रपति को गिफ्ट दिया है, इसको समझने में उनको बरसों लग जाएंगे. उनकी पत्नी को जो ग्रीन डायमंड दिया है, इस पर वह विचार करें और इसके तमाम मायने हैं. सनातन धर्म की जो परंपरा है, वह शोषण की नहीं रही है, वह पोषण की रही है, लेने की नहीं रही है, देने की रही है. चाहे ज्ञान देना हो, चाहे भूदान करना हो, चाहे स्वर्ण दान करना है, गौ दान करना हो या अन्य दान करना हो, इसलिए एक भारतीय संस्कृति का जो स्वरूप था पीएम मोदी ने उसको संक्षेप में वहां प्रस्तुत करके आए. इस पर अमेरिका और अमेरिका वासियों को बरसों चिंतन करना पड़ेगा.


इसके अलावा राम जन्मभूमि के आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि हमारे देश का वैभव क्या है, देश की संस्कृति क्या है, आर्थिक व्यवस्था क्या है. यह सारी बातों का हर प्रांतों में क्या-क्या विशेषता है. हमारे हर प्रांतों के जो उत्तम वस्तु है, संकलित करके और प्रधानमंत्री ने जो वहां के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को दिया है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारा धार्मिक संस्कृत है इसलिए भगवान गणेश की मूर्ति दिया है और बहुत से एक ही चीज दी है जो हमारे धार्मिक ग्रंथ में आते हैं. एक प्रकार से वह धरोहर के रूप में हैं. संस्कृति हमारा धर्म हमारा जो पूजनीय है, उन्हीं वस्तुओं को दिया गया है और अन्य प्रांतों की जो महत्वपूर्ण वस्तु है, चाहे जो भी हो अन्न हो, कुछ मिट्टी भी है, कुछ सोने-चांदी की वस्तु है, कुछ मूर्ति है. इस प्रकार से बहुत सारी वस्तुएं हैं.


सत्येंद्र दास ने और क्या कहा?


सत्येंद्र दास ने कहा कि यह दिखाना कि हमारे देश का वैभव कितना है, किस प्रकार से हमारे रहन-सहन है, किस प्रकार से हमारे देश के खानपान हैं, किस प्रकार से हर प्रांतों के लोग किस उद्देश्य से किस प्रकार से संपन्न हैं और किस प्रकार से रहते हैं. अलग-अलग रहने के बाद भी कैसे एक साथ जुड़े रहते हैं. यह सारी संस्कृति और धार्मिक व्यवस्था है जो कुछ भी हैं, यह हमारे देश का जो गौरव होता है जो धार्मिक व्यवस्था होती है जो स्वास्थ्य व्यवस्था होती है, अमेरिका में जाकर के प्रधानमंत्री ने वहां के राष्ट्रपति को दिया है.


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