लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमतौर पर लुटियन बुद्धिजीवियों के निशाने पर रहते हैं, लेकिन अभी बड़ी संख्या में कवि गीतकार संगीतकार उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर सक्रिय दिख रहे हैं. हिंदी, भोजपुरी आल्हा जैसी विधाओं की कविताओं और गीतों के माध्यम से योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था और जनोपयोगी योजनाओं की तारीफ कर रहे हैं.
मेरठ की बेहद चर्चित हिंदी कवि अनामिका अंबर अपनी बेहद वायरल कविता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की जोड़ी को उन्नति का पर्याय बताती हैं वह कहती हैं, “देशभक्ति की कोख से निकले दोनों जुड़वा भाई हैं. योगी जी तो साक्षात मोदी जी की परछाई हैं.”
वही वीर रस के कवि अभय निर्भीक पुरानी सरकारों से तुलना करते हुए कहते हैं कि अगर गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार को खत्म करना है तो एक बार फिर सीएम योगी को सत्ता में लाना होगा. अभय निर्भीक की कविता फेसबुक और ट्विटर के साथ व्हाट्सएप ग्रुप में भी काफी वायरल हो रही है.
ऐसे ही लखनऊ के युवा गायक संगीतकार कन्हैया पांडे का लिखा गीत अपने संगीत के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. गीत है, “चारों तरफ है उजियारा अंधेर ना कोई, श्री योगी जैसा यूपी में शेर ना कोई.”
अधिकतर कविताओं और गीतों में योगी सरकार की कानून व्यवस्था माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई केंद्र में है योगी रिपोर्ट कार्ड नाम के फेसबुक पेज पर आल्हा धुन में 'योगी बाबा बड़े लड़ाईया जिन की मार सही ना जाए' काफी लोकप्रिय हो रही है.
इससे यह भी लगता है कि आगामी चुनाव में कानून व्यवस्था माफियाओं के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई बड़ा मुद्दा बनने जा रही है. इसके साथ राम मंदिर, बिजली और राशन वितरण जैसे विषय कवियों गीतकारों के लिए जिस तरह आकर्षण का केंद्र बने हैं, वह आने वाले समय में विपक्ष के लिए परेशानी का सबब बनेगा और योगी समर्थकों के उत्साह को बढ़ाने वाला होगा.
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