पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ एक्शन मोड में पुलिस, काले कारोबार को खत्म करने की कवायद शुरू
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने अभियान चला रखा है. प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने साफ कह दिया कि अवैध शराब का कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इन दिनों अवैध शराब को लेकर सियासत तेज हो गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह है बागपत और मेरठ में अवैध शराब पीने से हुई मौतें. इन दो जिलो में अवैध शराब पीने से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसकी वजह से विपक्षी पार्टी इस मौके को अवसर में बदलने की सियासत कर रही हैं.
9 लोगों की हो चुकी है मौत बता दें कि पिछले कुछ दिनों में अवैध शराब पीने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो जिलो में 9 मौतें हो चुकी हैं. इसे लेकर विपक्षी दल अलग-अलग अंदाज में सियासत कर रहे हैं. कोई ग्रमीणों और पीड़ित परिजनों के साथ गांवों में महापंचायत कर 10 लाख मुआवजे की मांग करता है तो कोई अपनी राजनीति चमकाने के लिए आबकारी विभाग का घेराव कर जवाब मांगता है कि मौतों का जिम्मेदार कौन है. यही वजह है कि सभी दल इस मुद्दे को संजीवनी समझकर अपनी पार्टियों में नई जान फूंकने में जुटे हैं.
सीएम ने दिए सख्त निर्देश अवैध शराब को लेकर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने साफ कह दिया कि अवैध शराब का कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में इस कारोबार को पूरी तरह बंद कराएं. अगर कहीं इस तरह का कारोबार होता हुआ पाया गया तो जवाबदेही तय होगी. जिसके बाद आबकारी विभाग से लेकर पुलिस महकमा तक सब इस कारोबार को जड़ से खत्म करने की मुहिम में जुट गए हैं.
जारी है छापेमारी का कार्रवाई सीएम के सख्त निर्देश के बाद पुलिस तंत्र सक्रिय नजर आ रहा है. मुखबिर की सूचना पर जो भी गांव संदिग्ध पाए जा रहे हैं वहां पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम छपेमारी की कार्रवाई कर रही है. हाल ही में मेरठ के जानी थाना क्षेत्र के करीब 20 गांवो में संयुक्त टीम ने छपेमारी की थी, जिसमें एक महिला और 15 पेटी अवैध शराब भी बरामद हुई थी. इसके अलावा मेरठ पुलिस ने दो शराब बनाने वाले लोगों को भी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में अवैध शराब बनाने का सामान और माल बरामद किया था.
अवैध शराब के तस्कर गिरफ्तार वहीं, बुधवार को दो अवैध शराब तस्करों को मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस अधिकारियों की मानें तो अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और इस अभियान में कई टीमें लगी हुई हैं. जो भी इस धंधे में संलिप्त पाया जाएगा उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
काले कारोबार को खत्म करने की कवायद शुरू गौरतलब है कि, कुछ ऐसा ही हाल आबकारी विभाग का भी है. उसकी भी कई टीमें गांव गांव छपेमारी कर अवैध शराब कारोबारियों पर शिकंजा कसती नजर आ रही हैं. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के बाद पुलिस और आबकारी विभाग हरकत में आया है और सालों से फैले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने की कवायद शुरू कर दी गई है.
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