Gorakhpur News: गोरखपुर के इस गांव में पसरा है सन्नाटा, गिरफ्तारी के डर से भागे आरोपी, ये है वजह
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के चौरी-चौरा में सेना के जवान धनंजय यादव को शहीद का दर्जा दिए जाने को लेकर 25 मार्च की शाम को खूब उपद्रव हुआ. उपद्रवियों ने आगजनी, पथराव, ट्रेन रोकने के साथ चक्काजाम भी किया.
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) के चौरी-चौरा में सेना के जवान धनंजय यादव को शहीद का दर्जा दिए जाने को लेकर 25 मार्च की शाम को खूब उपद्रव हुआ. उपद्रवियों ने आगजनी, पथराव, ट्रेन रोकने के साथ चक्काजाम भी किया. बवाल बढ़ने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े. उपद्रव में 56 नामजद और 200 अज्ञात के नामजद होने के बाद से ही सेना के जवान के गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. महिलाओं के अलावा कोई भी दिखाई नहीं दे रहा है. गिरफ्तारी के डर की वजह से गांव से पलायन करने वाले पुरुष अब तक वापस नहीं लौटे हैं.
क्या है हालत
गोरखपुर के झंगहा थानाक्षेत्र के राघोपड़री गांव के फैलहां के रहने वाले पुरुष पांच दिन बाद भी गांव नहीं लौटे हैं. गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. महिलाओं के अलावा पुरुष और युवा दिखाई नहीं दे रहे हैं. गांव की महिलाएं पुरुषों और घर के युवाओं की गिरफ्तारी के डर से इतनी खौफ में हैं कि वे अपना नाम तक नहीं बताना चाहती है. गांव में सन्नाटा पसरा होने की वजह से मवेशियों को देखने वाला भी कोई नहीं है. गांव की एक बुजुर्ग महिला का कहना है कि घर पर जब कोई पुरुष नहीं है, तो काम कैसे हो पाएगा.
क्या बोली गांव की महिलाएं
एक बुजुर्ग महिला रोते हुए कहती हैं कि गांव के सेना के जवान की मौत के बाद गांव के लोग पार्थिव शरीर के आने पर गए थे. गाय-गोरू को देखने वाले कोई नहीं है. खेत में कटिया का समय होने की वजह से फसल बर्बाद होने का डर भी है. पुलिस परेशान भी कर रही है. एक बुजुर्ग महिला कहती हैं कि रातभर सो नहीं पा रहे हैं. एक महिला बताती हैं कि गांव के एक भी लड़कों ने उपद्रव में शामिल नहीं रहे हैं.
क्या है मामला
गोरखपुर के झंगहा थाना क्षेत्र के रहने वाले सेना के जवान 30 वर्षीय धनंजय यादव की असम में तैनाती रही है. संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उसका शव 25 मार्च को चौरीचौरा के भोपा बाजार ही पहुंचा था कि सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने रेल रोकी, चक्काजाम करने के साथ रोड जाम कर दिया. इस दौरान देर शाम जमकर आगजनी, पत्थरबाजी और पुलिस और आलाधिकारियों पर उपद्रवियों ने पथराव किया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसके बाद आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद स्थिति को नियंत्रित किया जा सका.
क्या हुई है कार्रवाई
इस मामले में पुलिस ने 56 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया. जिसमें 14 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है. आरोप है कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों षड्यंत्र के तहंत भीड़ को एकत्र किया गया और वहां पर उपद्रव कराया गया. तीन सपा नेताओं को मुख्य आरोपी बनाया गया है. इसमें साल 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके मनुरोजन यादव, चौरीचौरा के सपा के अध्यक्ष नरसिंह यादव, अरविंद यादव के खिलाफ 25-25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया है. तीसरे मुख्य आरोपी डब्लू मियां को भी जेल भेजा जा चुका है.
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