आगरा: अवैध खनन को फर्जी बिल से वैध बनाने वाले 11 ग्यारह गिरफ्तार, फर्जी ई-वे बिल बनाते थे, पुलिस को 9 अन्य की तलाश
आगरा में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फर्जी ई-वे बिल बनाते थे और फर्जी कागज के सहारे एमपी और राजस्थान से आ रही गाडियों को यूपी में प्रवेश कराते थे. इस तरह ये गिरोह सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा रहा था.
आगरा. आगरा पुलिस और विजिलेंस टीम ने गुरुवार को सैंया में राजस्थान बॉर्डर पर मालवाहक और खनन वाहनों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने 11 लोग गिरफ्तार किए हैं. गिरोह के नौ लोग फरार हैं. जिनकी तलाश की जा रही है. गिरफ्त में आए अभियुक्तों से पूछताछ में खुलासा किया है कि, लॉकडाउन के बाद से परिवहन शुरू होने पर फर्जीवाड़ा खेल शुरू किया गया. ये गिरोह हर दिन लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा कर रहा था. इसी तरह से आरटीओ के अन्य जगहों पर फर्जी ऑनलाइन टैक्स कलेक्शन करने वाले सेंटर हैं. ऐसे सभी जगह चिन्हित कर ली गई हैं. फरार आरोपी की गिरफ्तारी में टीमें लगी हुई हैं.
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि मालवहाक, अवैध खनन वाहन और अन्य वाहनों का आरटीओ का ऑनलाइन टैक्स जमा करने के सैंया बॉर्डर पर कई ऑफिस बने हुए हैं. गिरोह यहां भाड़े से संबंधित फर्जी दस्तावेज भी तैयार करके वाहनों को यूपी बॉर्डर में प्रवेश कर आता था. बुधवार देर रात करीब तीन बजे से 100 पुलिसकर्मियों की टीम ने छापा मारकर 20 लोगों को हिरासत में ले लिया था. इनसे पूछताछ में फर्जीवाड़े के गिरोह का खुलासा किया है.
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सैंया में बने आफिस में कंप्यूटर के माध्यम से माल के फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे. आठ से नौ लोग इस काम में लगे हुए थे. बाकी ग्राहक हैं, जो अपने दस्तावेज बनवाने आए थे. कोई टैक्स जमा करने आया था तो कोई फर्जी दस्तावेज के लिए आया था. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है. यह भी पता किया जा रहा है कि यह गैंग कब से सक्रिय था? इन पर थाना पुलिस क्यों नहीं कार्रवाई कर पाई? अब तक कितने वाहनों के फर्जी दस्तावेज बना चुके हैं? यह भी पता किया जा रहा है. फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल ट्रक चालक करते थे. आरटीओ और पुलिस के रोकने पर इन्हीं दस्तावेजों को दिखाकर वे बच जाते थे. दस्तावेज तैयार करने वाले कमीशन लेते थे. अभी पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी की जा रही है.
विजीलेंस की टीम का था इनपुट
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि, आगरा विजीलेंस ने इनपुट दिया था. जिसमें बताया गया कि, सैंया बॉर्डर पर आरटीओ के ऑनलाइन टैक्स कलेक्शन के कई बूथ हैं. जहां पर फर्जीवाड़े करके लाखों रुपए के राजस्व की सरकार को चपत लगाई जा रही है. गिरोह फर्जी अंतरराज्यीय परिवहन के ई-वे बिल और रवन्ना तैयार करता था.
अवैध खनन को फर्जी दस्तावेज से बनाते थे वैध
गिरोह मध्यप्रदेश और राजस्थान से आने वाली अवैध खनन की गाड़ियों के फर्जी दस्तावेज तैयार करके उन्हें यूपी में प्रवेश कराया जाता था, और अवैध खनन को इस तरह वैध बनाकर के राज्य सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व के हानि पहुंचा रहा था. पुलिस टीम ने पहले रेकी की. जिसमें यह बात सामने आई कि, गिरोह देर रात 3 बजे से सुबह 8 बजे तक फर्जी दस्तावेजों से खनन के और अन्य मालवाहक वाहनों को यूपी की सीमा में प्रवेश कराता था.
यूं चला अभियान
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि फर्जीवाड़ा करने की टाइमिंग पता चलने के बाद बुधवार देर रात करीब 3 बजे एसपी ग्रामीण रवि कुमार, एसपी सिटी रोहन की बोत्रे, सीओ छत्ता और अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ ही 100 पुलिसकर्मियों की टीम ने सैंया टोल प्लाजा पर छापेमारी की. इसमें विजिलेंस की टीम भी शामिल थी. छापेमारी में 20 लोग उठाए गये. एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि, उनसे पूछताछ की गई, जिसमें 11 लोग दोषी हैं. जो इस फर्जीवाड़े के काम में लगे हैं. नौ लोग अभी फरार है, जो मास्टर माइंड हैं.
यह सामान हुआ बारामद
पुलिस और विजिलेंस की छापेमारी में फर्जीवाड़ा गिरोह से लैपटॉप, चार प्रिंटर, एक इन्वर्टर, आठ खाली बिल बुक, तीन कंपनी के नाम से बिल बुक मिले हैं. आरटीओ की रिसिप्ट है.
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