(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गोरखपुर: फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार कर ढाई करोड़ की साइबर ठगी का अंदेशा, आठ जालसाज धरे गये
ऑनलाइन लेनदेन जिस तेजी से बढ़ रहा है, उतनी तेजी से साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. गोरखपुर में पुलिस और साइबर सेल के संयुक्त प्रयास से बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है.
गोरखपुर. फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार कर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के आठ सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस को शक है कि इन साइबर ठगों ने सैकड़ों लोगों के खातों से लगभग ढाई करो़ड़ रुपए निकालकर साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया है. गोरखपुर के विभिन्न थानों में इनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने इनके पास से 775 अदद फिंगर प्रिंट, बायोमेट्रिक डिवाइस और अन्य उपकरण के साथ नकदी भी बरामद की है.
आठ सदस्य गिरफ्तार
गोरखपुर के पुलिस लाइन्स व्हाइट हाउस सभागार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगिन्दर कुमार ने घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान सिद्धार्थनगर जिले के घेसरहा थानाक्षेत्र के महुलानी हाल मुकाम पता शाहपुर पीएसी कैम्प अकोलवा टोला बिछिया के रहने वाले कृष्ण नंदन पाण्डेय, शाहपुर के पादरीबाजार निवासी जयशंकर यादव, शाहपुर के चरगांवा के रहने वाले नरेन्द्र रंजन के रूप में हुई है.
इसके अलावा पुलिस ने खजनी के भगवानपुर के सुधीर कुमार पासवान, संतकबीरनगर के धनघटा के रहने वाले मनोज कुमार यादव, कुशीनगर के अहिरौली के मुंडेरालाला के रहने वाले सदानन्द श्रीवास्तव, गोरखपुर के कैण्ट इलाके के नंदानगर के रहने वाले उपेन्द्र सिंह और शाहपुर के हनुमान मंदिर के पास के रहने वाले लल्ला कुमार सिंह के रूप में हुई है. इनके दो अन्य साथी गोरखपुर के बड़हलगंज के रहने वाले जितेन्द्र कुमार पाण्डेय और शाहपुर के आरपीएफ कालोनी के रहने वाले लल्ला कुमार सिंह फरार हैं. इनकी पुलिस को तलाश है.
बायोमैट्रिक डिवाइस, एटीएम कार्ड बरामद
एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने इनके पास से क्लोन किए हुए 775 फिंगर प्रिंट, 4 बायोमैट्रिक डिवाइस, 9 विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, 12 सिम, 10 मोबाइल, 135 रजिस्ट्री पेपर संबंधी कागजात की फोटोकॉपी, दो अदद रजिस्टर जिसमें 1574 आधार कार्ड डेटा (नाम व आधार कार्ड नंबर सहित), एक लैपटॉप, दो चार पहिया वाहन (स्विफ्ट डिजायर कार) कीमत करीब 15 लाख और 44,810 रुपए नकद बरामद किए हैं. इसके अलावा एक अदद प्रिंटर और एक अदद स्कैनर बरामद किया है.
इस तरह फंसाते थे शिकार
आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि जरूरतमंदों को पैसों का लालच देकर सीएसपी एकाउंट/ग्राहक सेवा केन्द्र एजेंट खाता और बैंकों में एकाउंट ओपेन कराकर संबंधित की आईडी, पासवर्ड, एटीएम कार्ड, चेक, कार्ड नंबर और फिंगर प्रिंट लेकर उनके फिंगर प्रिंट का क्लोन बनाकर बैंक खाते से रुपए सीएसपी एकाउंट/ग्राहक सेवा केन्द्र ऐजेंट खाता में ट्रांसफर कर लेते हैं. सीएसपी एकाउंट/ग्राहक सेवा केन्द्र एजेंट खाता से खुलवाए गए विभिन्न बैंक खातों से रुपए ट्रांसफर कर एटीएम से निकाल लेते हैं.
टीम को मिला इनाम
पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420 और 66 आईटी एक्ट के तहत गीडा और खजनी थाने में तीन मामले दर्ज किए हैं. इस घटना के खुलासे में रामगढ़ताल पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच और साइबर सेल को संयुक्त रूप से सफलता मिली है. गोरखपुर के एसएसपी ने रामगढ़ताल पुलिस को 50,000 रुपए और क्राइम ब्रांच और साइबर सेल के अलग से पुरस्कृत करने का ऐलान किया है. पुलिस सभी आरोपियों पर गैंगेस्टर और एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक अपराध करना बहुत खतरनाक हैं. ऐसे किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा.
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