लखनऊः उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. यहां खून के काला कारोबार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
दरअसल, सूचना मिली थी कि एससीपीएम हॉस्पिटल के पास कुछ दलाल खून के काला कारोबार करने की रणनीति बना रहे हैं. जिसके बाद औषधि निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर जब लोगों से पूछताछ की गई तो खून के काले कारोबार की पूरी परत दर परत खुलने लगी. उसमें से कई लोगों के नाम सामने आए हैं, पुलिस ने 14 नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई में जुटी हुई है.
जरूरतमंदो से खरीदते थे खून
यह दलाल लोग भिखारियों और अन्य जरूरतमंदो से पैसे का लालच देकर खून निकाल कर मोटी रकम पर उसकी सप्लाई करते थे. रिजर्व पुलिस लाइन के सभागार में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए पूरी घटना का खुलासा किया है. जिस हॉस्पिटल के पास दलालों से पूछताछ व गिरफ्तारी हुई है, उन हॉस्पिटल पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
खून के कालाबाजार पर बड़ी कार्रवाई
फिलहाल जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का दावा है कि जांच के दौरान जिस का नाम आएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. बीते दिनों जिला अस्पताल में अवैध खून के काला कारोबारियों का वीडियो वायरल हुआ था. जिस पर जिलाधिकारी ने संविदा कर्मी की सेवा समाप्ति के साथ अन्य कार्रवाई भी की थी. तभी से लगातार जिलाधिकारी की नजर इन कारोबारियों पर थी और कल सूचना मिलने के बाद औषधि निरीक्षक व पुलिस टीम ने कार्रवाई की है जिससे स्वास्थ विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
5 आरोपियों की गिरफ्तारी
बता दें देर रात थाना कोतवाली नगर में खून के अवैध कारोबारियों के खिलाफ 419- 20 ड्रग एक्ट, कॉस्मेटिक एक्ट 18 व 27 धारा के तहत मामला दर्ज हुआ है. इसमें 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इस धंधे में संलिप्त लोग 'दा गोल्डन ब्लड' के नाम से संस्था चलाते थे. इसी की आड़ में यह कारोबार करते थे. जिन लोगों को ब्लड की जरूरत होती थी, वह लोग भिखारी व अन्य लोगों को पैसे देकर उनका खून निकलवा कर मोटी रकम पर बेचते थे.
इसमें से जिला अस्पताल में कार्यरत चंद प्रकाश के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है और सतीश चंद्र पांडे कॉलेज के केके मिश्रा के खिलाफ भी अभियोग पंजीकृत किया गया है. कुल मिलाकर 14 नामजद और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया. वहीं हॉस्पिटल के संचालक ने यह बात साफ कर दी है कि पुलिस पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही कोई कार्रवाई करें.
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