रायबरेली: एसपी के मोबाइल नंबर को हैक कर दी धमकी, पुलिस के हत्थे चढ़े चार नटवरलाल, सच जानकर हैरान रह जाएंगे आप
रायबरेली में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. सलोन थाना क्षेत्र के सम्राट ढाबे के पास मुखबिर की सूचना पर एसओजी टीम ने छापा मारकर नटवरलाल के गिरोह का पर्दाफाश किया है.
रायबरेली: पुलिस अधीक्षक के सरकारी नंबर को हैक कर दूसरों को धमकी देने वाले. मंत्रियों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों के नंबर से दूसरों को फोन करके काम करवाने की बात करने वाले गिरोह का एसओजी टीम ने भंडाफोड़ किया है. नटवरलालों के पास से भारी मात्रा में अवैध असलहा, कारतूस और नशीले पदार्थ बरामद हुए हैं. सलोन थाना क्षेत्र के सम्राट ढाबे के पास मुखबिर की सूचना पर एसओजी टीम ने छापा मारकर नटवरलाल के गिरोह का पर्दाफाश किया.
दो पिस्टल और तीन अवैध तमंचे बरामद एसओजी जिले की सलोन कोतवाली पुलिस सम्राट ढाबे के सामने चेकिंग अभियान चला रही थी. इसी दौरान एक ऑल्टो कार और सफारी गाड़ी को रोका गया. जब उनकी तलाशी ली गई तो पुलिस की आंखे चौंधियां गईं. गाड़ी में मौजूद चारों युवको के पास से पुलिस ने दो पिस्टल और तीन अवैध तमंचों के साथ ही काफी मात्रा में कारतूस बरामद किए. आरोपियों की गाड़ी से पुलिस ने दो किलो पांच सौ ग्राम गांजा भी बरामद किया. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि हाल ही में उन्होंने कुछ लोगों को फोन कर उनपर अनुचित दबाव बनाकर वसूली भी की है. फिलहाल चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
हैक कर लेते थे नंबर हिरासत में लिए गए चारों नटवरलालों की कहानी बड़ी अजब है. नरेंद्र सिंह और अनुराग सिंह सलोन कोतवाली के रहने वाले तो राहुल और बादल सिंह गदागंज के रहने वाले हैं. ये चारों नटवरलाल सरकारी अधिकारियों के बड़े-बड़े अफसरों के नंबर को हैक करते थे और फिर उस नंबर से व्यापारियों और अन्य लोगों को फोन करके अर्दब में लेते थे. इतना ही नहीं मंत्रियों और उनके ओएसडी के नंबर को भी इस्तेमाल करने से ये नटवरलाल चूक नहीं रहे थे.
पुलिस ने बिछाया जाल अधिकारियों और मंत्रियों के नंबरों से फोन करके गलत सही काम करवाने और अवैध वसूली करने का इनका खेल काफी रंगीन मिजाजी में चल रहा था. लेकिन, इनके लिए पुलिस अधीक्षक रायबरेली के नंबर से एक व्यक्ति को धमकी देना महंगा साबित हो गया. बीते महीने पुलिस अधीक्षक रायबरेली के सरकारी नंबर से एक व्यक्ति को धमकी दी गई तो पुलिस अधीक्षक सहित पूरा पुलिस तंत्र सकते में आ गया. एसओजी टीम के प्रभारी अमरेश त्रिपाठी को इसके खुलासे के लिए मोर्चा सौंपा गया. काफी मशक्कत और तकनीकी बिसात बिछाने के बाद ये नटवरलाल एसओजी के बिछाए जाल में फंस गए और फिर पुलिस के सामने अपने राज खोल दिए.
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