पुलिस ने हाथरस जा रहे पत्रकार व तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया, पीएफआई से जुड़े होने का आरोप लगाया
यूपी पुलिस ने चार लोगों की गिरफ्तारी की है. पुलिस ने दावा किया है कि इनका संबंध पीएफआई से है. इनमें दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार शामिल हैं. ये सभी हाथरस जा रहे थे.
लखनऊ/तिरुवनंतपुरम. उत्तर प्रदेश पुलिस ने मथुरा में एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों की गिरफ्तारी उस दलित महिला के हाथरस स्थित घर जाने के दौरान हुई, जिसकी कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद पिछले दिनों दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को कहा था कि उसने मथुरा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबद्ध संगठनों से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
इससे पहले पीएफआई पर इस साल की शुरुआत में देश भर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के वित्तपोषण का आरोप लगा था और यूपी पुलिस ने संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
पुलिस ने गिरफ्तार लोगों की पहचान मलप्पुरम के सिद्दीकी, मुजफ्फरनगर के अतीक-उर रहमान, बहराइच के मसूद अहमद और रामपुर के आलम के रूप में की थी.
दिल्ली का वरिष्ठ पत्रकार
गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद केरल के एक प्रमुख पत्रकार संगठन ने मलप्पुरम निवासी सिद्दीकी की पहचान उनके पूरे नाम सिद्दीकी कप्पन से की और कहा कि वह "दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार" हैं.
‘केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स’ (केयूडब्ल्यूजे) की दिल्ली इकाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में मांग की कि कप्पन को जल्द से जल्द रिहा किया जाए. संगठन ने कहा कि वह वरिष्ठ पत्रकार हैं और मलयालम के कई मीडिया घरानों के लिए काम करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
केयूडब्ल्यूजे ने सिद्दीकी की गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. संगठन ने सिद्दीकी की गिरफ्तारी को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुये उन्हें अदालत में तत्काल पेश करने और गैरकानूनी हिरासत से रिहा करने का अनुरोध किया है.
केयूडब्ल्यूजे की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मिजी जोस ने कहा कि कप्पन एक संवाददाता के तौर पर अपना काम करने की कोशिश कर रहे थे. वह इस पत्रकार संगठन के सचिव भी हैं.
केयूडब्ल्यूजे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की, ‘‘कप्पन एक संवाददाता के तौर पर अपना काम करने की कोशिश कर रहे थे. हम आपसे उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की अपील करते हैं.’’
केयूडब्ल्यूजे ने कहा, ‘‘ हमें लगता है कि कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस टोल प्लाजा पर हिरासत में लिया. हमने और दिल्ली के कुछ वकीलों ने उनसे सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफल नहीं हो पाया.’’
उसने कहा कि हाथरस पुलिस थाने और राज्य पुलिस ने भी अभी तक कप्पन को हिरासत में लेने से जुड़ी कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई है.
इस बीच, उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार लोगों से उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप और कुछ साहित्य भी जब्त किए गए हैं जो शांति और कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकते थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया था कि पूछताछ के दौरान यह पता चला कि गिरफ्तार चार लोगों के संबंध पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के साथ थे.
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