बलरामपुर: पत्रकार और उसके साथी को जिंदा जलाने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों की गिरफ्तारी की है. पकड़े गये आरोपियों में से एक ग्राम प्रधान का बेटा है. आपको बता दें कि, पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक (37) यहां राष्ट्रीय स्वरूप नाम के स्थानीय अखबार में काम करता था और शुक्रवार देर रात साथी समेत कुछ लोगों ने जिंदा जलाकर मार दिया था.


ग्राम प्रधान का बेटा गिरफ्तार


पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुये कहा कि गिरफ्त में आये ग्राम प्रधान के बेटे केशवानंद मिश्रा उर्फ रिंकू और उसके एक साथी ललित मिश्रा ने आतिशबाजी का काम करने वाले अकरम अली की मदद से घर में आग लगाई. पुलिस के मुताबिक, उस दिन पत्रकार की पत्नी और उसके दो बच्चे किसी रिश्तेदार के घर गये हुये थे.


पुलिस अधिकारी के मुताबिक, राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर रिंकू अपनी ग्राम प्रधान मां सुशीला देवा के खिलाफ खबर लिखे जाने से राकेश से नाराज था. वहीं, ललित की पिंटू साहू से रंजिश चल रही थी.

इस तरह दिया हत्याकांड के अंजाम


राकेश के मृतक साथी पिंटू साहू ने ललित मिश्रा को एक कार बेची थी. जिसके बकाया लगभग ढाई लाख रुपए को लेकर ललित से विवाद चल रहा था और घटना से ठीक पहले दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ था. दोनों के विवाद की जानकारी जब दोनों पक्षों को हुई तो रिंकू मिश्रा ने ललित मिश्रा व अकरम के साथ मिलकर राकेश व उसके दोस्त पिंटू की हत्या की योजना बनाई थी. इस क्रम में रिंकू मिश्रा अपने कुछ साथियों के साथ पत्रकार राकेश सिंह के घर गया था. जहां राकेश और पिंटू दोनों मौजूद थे. वहां ग्रामसभा के खिलाफ खबरें न लिखने पर दोनों के बीच बात हुई. फिर सभी ने शराब पी और जब राकेश व उसका साथी नशे में हो गए तो रिंकू अपने साथियों के साथ वहां से निकल गया.


सैनिटाइजर डालकर जलाया


रिंकू के जाने के बाद ललित मिश्रा व उसके साथी अकरम वहां पहुंचे और नशे की हालत में ही दोनों के ऊपर सैनिटाइजर डालकर अकरम और ललित ने आग लगा दी. यही नहीं, आग लगाने के बाद ललित व अकरम कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर भाग निकले. जिससे कमरे से दोनों भाग न सकें. आग लगने की वजह से पिंटू की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि पत्रकार राकेश सिंह गंभीर रूप से झुलस गया. उसे इलाज के लिये लखनऊ भेजा गया जहां राकेश की मौत हो गई.


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