Gorakhpur Crime News: गोरखपुर में व्यापारी से 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में पुलिस (Gorakhpur Police) ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने मिलकर ये कार्रवाई की है. दोनों आरोपी व्‍यापारी से इंटरनेट और वीवीआईपी कॉल कर फिरौती मांग रहे थे. बदमाशों ने रंगदारी की रकम नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी. पुलिस इन बदमाशों की सरगर्मी के साथ तलाश कर रही थी.  गोरखपुर के एसपी साउथ एके सिंह ने घटना का खुलासा किया है. 


एसपी ने बताया कि सिकरीगंज के रहने वाले व्‍यापारी अयोध्‍या जायसवाल ने 12 जुलाई को पुलिस से शिकायत की थी. उन्होंने शिकायत में 20 लाख की रंगजारी मांगे जाने का आरोप लगाया था. उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें रुपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी मिल रही थी. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की. जांच में पता चला कि कॉल इंटरनेशनल नंबर से की जा रही है. मामला साइबर सेल के पास सौंपा गया.


उन्होंने आगे बताया कि साइबर सेल की जांच में ये बात सामने आई कि वर्चुअल वॉयस इंटरनेट प्रोटोकाल नाम के ऐप के माध्यम से ये कॉल की गई है. इसमें रंगदारी मांगने वालों का मूल नंबर छिप गया. घटना को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों की पहचान सिकरीगंज के असौजी बाजार के शुक्‍लपुरा गांव के रहने वाले दुर्गेश और उत्‍कर्ष के रूप में हुई है.


पुलिस ने दोनों के पास से घटना में इस्तेमाल मोबाइल और सिम भी बरामद कर लिया है. पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 387 और 507 के तहत केस दर्ज किया है.


पूछताछ में क्या बोला आरोपी?
आरोपी दुर्गेश ने पूछताछ में बताया कि उत्कर्ष उर्फ विपुल कुमार ने उसके मोबाइल में फेक कॉल एप डाउनलोड किया था. उसने कहा कि इससे किसी को गाली/धमकी दोगे तो तुम्हे कोई पकड़ नही पाएगा. इस मोबाइल ऐप से उसने सिकरीगंज के व्यवसायी अयोध्‍या जायसवाल को काल करके 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. रंगदारी ना देने पर गोली मार कर हत्या करने की धमकी दी थी.



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