नोएडा: लोन दिलाने के नाम पर करते थे फर्जी कॉल, ऐसे फंसाते थे शिकार
नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी कॉल करते थे लोन और नौकरी दिलाने के नाम पर खाते में पैसा ट्रांसफर करवाते थे। इस मामले में पुलिस ने अबतक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
नोएडा, एबीपी गंगा। थाना सेक्टर-20 की पुलिस और साइबर सेल की टीम ने फर्जी लोन और नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने कंपनी के पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग लोन और नौकरी दिलाने के नाम पर पूरे भारत में कॉल करके फाइल चार्ज व अन्य खर्च के नाम पर लोगों से कंपनी के अकाउन्ट में पैसा ट्रांसफर कराकर ठगी करते थे।
नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि ठगी के शिकार हुए वाराणसी निवासी सौरभ सिंह पुत्र श्याम नारायण सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बी-24 सेक्टर-2 स्थित कंपनी में फर्जी लोन और नौकरी दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही है। इस सूचना पर पुलिस ने छापा मारकर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में मेरठ का फरमान चौहान पुत्र जफर चौहान, तजीमुल पुत्र गुलजार, गाजियाबाद का इरफान पुत्र असलम, दिल्ली के त्रिलोकपुरी की राधा सिंह पुत्री सुशील कुमार और शाहदरा दिल्ली की पूजा यादव पुत्री शिवकुमार शामिल है। इनके पास से एक कंप्यूटर, सीपीयू, मॉनीटर, की-बोर्ड, 12 मोबाइल फोन, कालिंग डाटा शीट, रजिस्टर, फर्जी ऑफर लेटर और कंपनी की चार मुहर बरामद हुई है।
वैभव कृष्ण ने बताया कि अभियुक्त क्विकर डॉट कॉम से बेरोजगार व्यक्तियों का डेटा खरीदकर उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर संपर्क करते थे। उन्हें नौकरी का ऑफर लेटर देने के बाद अभ्यर्थियों से उनके परिचितों का लोन कराने का टारगेट दिया जाता था। इसके लिए कई स्कीम जैसे पर्सनल लोन, होम लोन, एग्रीकल्चर लोन और गोल्ड लोन आदि के बारे में बताया जाता था। इसके लिए कंप्यूटर से स्लिप निकालकर उन्हें दी जाती थी। एसएसपी ने बताया कि कंपनी ने धानी बिजनेस सोल्यूशन के नाम पर बैंक में खाता खुलवाया था। ग्राहकों से उसी अकाउन्ट में पैसा ट्रांसफर कराकर धोखाधड़ी की जाती थी। जिन व्यक्तियों को नौकरी पर रखने को कहा जाता था, उन्हें ना ही वेतन दिया जाता था और ना ही अपना पता बताया जाता था। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपियों ने बीते दो माह में देश के विभिन्न राज्यों के सैकड़ों व्यक्तियों से लाखों रुपयों की ठगी की है।