आगरा: आगरा में जीएसटी अधिकारियों द्वारा चांदी कारोबारी से 43 लाख रुपए लूटने के मामले में अब पुलिस पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि पुलिस अभी तक आरोपी दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार ही नहीं कर पाई है. हालांकि, आगरा एसएसपी मुनिराज जी. द्वारा यह दावा किया जा रहा है उनकी पुलिस टीम द्वारा कई सारे जिलों में दबिश दी गई है लेकिन आरोपी असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार और  कमर्शियल टैक्स ऑफिसर शैलेंद्र कुमार अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं. 


अधिकारी पर 25 हजार का इनाम 


पुलिस ने इस मामले में फरार अधिकारियों के निजी चालक दिनेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है और साथ ही सिपाही संजीव कुमार को पहले ही जेल भेजा जा चुका है, लेकिन 25- 25 हजार के दोनों इनामी आरोपी अधिकारी पुलिस की गिरफ्त से दूर चल रहे हैं. 


ये था मामला


मथुरा के व्यापारी प्रदीप अग्रवाल ने इस मामले में आगरा पुलिस और उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी. दरअसल 30 अप्रैल को बिहार में चांदी के जेवरात बेचकर आ रहे व्यापारी को चेकिंग के नाम पर पहले इन अधिकारियों ने डराया धमकाया और फिर जीएसटी ऑफिस ले जाकर 43 लाख रुपए लूटने का आरोप है.  कुछ दिनों तक दहशत में रहने की वजह से व्यापारी ने मुंह नहीं खोला लेकिन बाद में हिम्मत करके उसने इस मामले को जब बताया तो सबके होश उड़ गए.  


विभागीय जांच हुई और इस मामले में 12 मई को थाना लोहामंडी में मुकदमा दर्ज हुआ और दोनों अधिकारियों को निलंबित करके उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में अटैच कर दिया गया और तभी से लगातार दोनों अधिकारियों पर पुलिस ढूंढ रही है ऐसे में विभागीय जांच के बाद लूट और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराएं बढ़ा दी गई हैं. 


पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी अधिकारी अजय कुमार ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है जिस पर अभी सुनवाई होना बाकी है. 


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