मथुरा: राजस्थान में कम कीमत पर मिलने वाले डीजल-पेट्रोल को यहां वन विभाग की जमीन पर कथित रूप से अवैध पेट्रोल पम्प के माध्यम से बेचने के मामले में दो मुकदमे दर्ज कराये गये हैं. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में उक्त भूमि के मालिक वन विभाग एवं तहसील प्रशासन, बाट एवं माप विभाग तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग आदि ने मिलकर दो मुकदमे दर्ज कराए हैं.
बिना अनुमति के बिक रहा था पेट्रोल-डीजल
गोवर्धन के उप जिलाधिकारी राहुल यादव ने बताया कि शिकायत मिली थी कि एक व्यक्ति गोवर्धन-डीग रोड पर राजस्थान सीमा पर स्थित गांठौली गांव में बिना सरकारी अनुमति के अवैध पेट्रोल पम्प खोलकर धड़ल्ले से डीजल व पेट्रोल की बिक्री कर रहा है.
उन्होंने बताया कि इस सूचना के आधार पर नायब तहसीलदार विजय श्याम के नेतृत्व में आपूर्ति निरीक्षक संतोष कुमार वर्मा व बाट व माप निरीक्षक की टीम मौके पर भेजी गई.
जांच दल को देखकर भाग खड़े हुये कर्मचारी
यादव के अनुसार जांच दल को आता देखकर पम्प चला रहे तीन लोग आनन-फानन में वहां लगी डिस्पेंसर मशीन को उखाड़ कर नजदीक के खेत में डालकर भाग गए. उन्होंने बताया, इस मामले में एक मुकदमा इस टीम की ओर से अनेक सुसंगत धाराओं में तथा दूसरा मुकदमा उक्त भूमि के स्वामी वन विभाग के गोवर्धन क्षेत्र के रेंजर राधेश्याम द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 यथा संशोधित की धारा 33 के तहत थाना गोवर्धन में दर्ज कराया गया है.
अधिकारियों के अनुसार इसी बीच लोक निर्माण विभाग के स्थानीय प्राधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि किसी ने सौंख-कुम्हेर मार्ग पर पेट्रोल पम्प के लिए उनकी भूमि कब्जा ली है.
नायब तहसीलदार विजय श्याम, आपूर्ति निरीक्षक संतोष कुमार वर्मा, एआरओ विजय शंकर वर्मा, वन क्षेत्राधिकारी ब्रजेश सिंह परमार और बाट व माप निरीक्षक अनुराग सिंह कुशवाह की टीम को जांच के लिए भेजा गया तो संचालक कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके. इस संबंध में भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
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