आगरा, एबीपी गंगा। दुष्कर्म की कार्रवाई से बचने के लिए आरोपियों ने पीड़ित युवती का विवाह अपने दोस्त के साथ करा दिया। बाद में पति ने पत्नी को दोस्तों के साथ सोने को मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं दहेज के लिए उत्पीड़न भी किया गया और बाद में पति उसे रास्ते में छोड़कर फरार हो गया। मामले में पहले तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी की। किसी तरह मामले की रिपोर्ट दर्ज हुई तो घटना से दुष्कर्म की धारा व दुष्कर्म के आरोपियों का नाम निकाल दिए गए।


शीला पदार्थ खिलाकर किया दुष्कर्म


मैनपुरी कोतवाली क्षेत्र की निवासी पीड़ित युवती के अनुसार वह 12 अक्टूबर 2018 को आगरा गई थी। लौटते समय बस का इंतजार कर रही थी, तभी सौरभ व शिवप्रताप अपनी कार लेकर वहां पहुंच गए। दोनों ने शिकोहाबाद छोड़ने की बात कहकर उसे कार में बिठा लिया। रास्ते में नाश्ता करने के बहाने उसे नशीला पदार्थ खिलाकर दोनों ने दुष्कर्म किया। पीड़िता ने घर आकर परिजनों को सारी जानकारी दी।


समझौते का किया नाटक


मामले आगे बढ़ा तो कार्रवाई से बचने के लिए सौरभ व शिवप्रताप कुछ लोगों के साथ उसके घर आए और समझौते की बात करने लगे। दोनों ने अपने दोस्त मनोज के साथ शादी कराने की बात कही। पड़ित युवती ने मजबूरन शादी के लिए हां कर दी। 19 नवंबर 2018 को मनोज के साथ उसका विवाह करा दिया गया। घुमाने के बहाने मनोज उसे आगरा ले गया। जहां एक होटल में अपने दोस्त सौरभ के साथ सोने को मजबूर किया। विरोध करने पर दोनों ने उसे अचेत कर दुष्कर्म व अप्राकृतिक कृत्य किया। तीन दिसंबर 2018 को मनोज उसे अपने दोस्तों के सुपुर्द कर चला आया और उसने आगरा के थाना एत्माददौला में विवाहिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पांच दिसंबर को मनोज के दोस्तों ने विवाहिता को मुक्त कर दिया, जिसके बाद पीड़िता ने घटना की जानकारी पिता को दी।



जान से मारने की कोशिश


मामले को लेकर फिर से पंचायत हुई तो ससुरालके लोग पीड़िता को विदा करा ले गए, लेकिन अगले ही दिन दहेज की मांग करते हुए मारपीट शुरू कर दी। देवर व ननदोई व अन्य आरोपी पीड़िता को एक गाड़ी में बिठाकर बुझिया पुल पर लाए। जहां जान से मारने की कोशिश की, तभी एक बस आ गई। बस को देखकर आरोपी फरार हो गए। पीड़िता रिपोर्ट लिखाने के लिए थाने पहुंची तो बमुश्किल पुलिस ने 24 फरवरी 2019 को रिपोर्ट दर्ज की।


पुलिस ने आरोपियों को दी क्लीनचिट


घटना की जांच महिला उपनिरीक्षक को सौंपी गई। पीड़िता युवती का बयान कोर्ट में दर्ज कराया गया। दूसरी ओर आरोपियों ने कार्रवाई से बचने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने आरोपियों को कोर्ट में आत्मसमर्पण का निर्देश दिया, लेकिन आरोपियों ने समर्पण नहीं किया। दूसरी ओर पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई तो घटना से दुष्कर्म, अप्राकृतिक कृत्य व छेड़खानी की धाराओं को हटा दिया और आरोपी सौरभ, शिवप्रताप सहित चार को क्लीनचिट दे दी।



जांच पर हैरानी


घटना को सिर्फ दहेज उत्पीड़न का मामला बताते हुए पति, देवर, सास व ससुर के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई है। पुलिस की कार्रवाई से पीड़िता हैरान है। उसने पुलिस पर जांच में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए मामले को आला अधिकारियों के सामने ले जाने की बात कही है। इंस्पेक्टर कोतवाली चतर सिंह ने बताया कि घटना की जांच साक्ष्य के आधार पर की गई है।