शामली: सामने आई बड़ी लापरवाही, थाना प्रभारी फैला रहे हैं कोरोना संक्रमण, मौन हैं अधिकारी
शामली के झिंझाना थाना प्रभारी के कोरोना पॉजिटिव आने से क्षेत्र और थाने में हड़कंप मच गया है. क्योंकि, वो लगातार क्षेत्र में घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं. मामले में पुलिस अधिकारी थाना प्रभारी को बचाने में लगे हुए हैं.
शामली: झिंझाना थाना प्रभारी कोरोना संक्रमित होने के बाद भी लगातार लोगों के संपर्क और चुनाव कार्य में लगे रहे. अधिकारी उनके बचाव में कह रहे हैं कि कल शाम उन्हें पता लगा, तभी से वे होम क्वारंटाइन हैं. जबकि, 11 तारीख से पहले भी एक बार उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है. हालांकि, 12 अप्रैल की एंटिजन रिपोर्ट में वो निगेटिव जरूर आए थे फिर भी उसके बाद उन्हें फाइनल रिपोर्ट आने तक खुद को क्वारंटाइन रखना था. लेकिन, कोरोना प्रोटोकाल को दरकिनार करते हुए वो नामांकन प्रक्रिया में शामिल हुए और लगातार थाने में भी लोगों से मिलते रहे. मामले में पुलिस अधिकारी थाना प्रभारी को बचाने में लगे हुए हैं.
क्षेत्र और थाने में हड़कंप
शामली के झिंझाना थाना प्रभारी के कोरोना पॉजिटिव आने से क्षेत्र और थाने में हड़कंप मच गया है. क्योंकि, वो लगातार क्षेत्र में घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं. थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह की तबीयत 10 अप्रैल को खराब हुई थी. तब उन्होंने टेस्ट कराया था, जिसमें उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी. जिसकी पुष्टि खुद एसपी शामली की तक से की गई थी.
कोरोना पॉजिटिव आई रिपोर्ट
सोशल मीडिया पर उनकी जगह दूसरे को चार्ज देने की चर्चा चलने बाद थाना प्रभारी ने 12 अप्रैल को फिर टेस्ट कराय तो एंटिजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई. स्वास्थ्य विभाग की तकफ से आरटी पीसीआर की रिपोर्ट के लिए थाना प्रभारी का सैंपल मेरठ भेजा गया. जिसकी की रिपोर्ट 15 तारीख की शाम को आई जिसमें थाना प्रभारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. जैसे ही थाना प्रभारी के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर क्षेत्र में फैली तो लोगों में खौफ का माहौल बन गया. क्योंकि, पिछले 4 दिनों से वो लगातार लोगों के संपर्क में आ रहे थे. यहां तक की नामांकन प्रक्रिया में भी थाना प्रभारी खुद शामिल हुए थे.
अधिकारी कर रहे हैं बचाव
अब ऐसे में कहीं ना कहीं थाना प्रभारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. मामला पुलिस विभाग से जुड़ा होने के कारण थाना प्रभारी पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पुलिस अधिकारी थाना प्रभारी के पक्ष में बयान देते हुए नजर आ रहे हैं. जबकि, आम लोगों के लिए ऐसी स्थिति में कोरोना अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने का प्रावधान है.
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