फतेहपुर, एबीपी गंगा। फतेहपुर जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र स्थित एक मदरसे से मंगलवार को कथित गोमांस बरामद होने के बाद हुए हंगामे और पथराव में प्रथम दृष्टया पुलिस की लापरवाही की बात सामने आने पर बिंदकी के कोतवाल और एक एसआई को निलंबित कर दिया गया है।


60 उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज


पुलिस अधीक्षक रमेश ने बुधवार को बताया कि, 'बेहटा गांव में कथित गोमांस की बरामदगी के बाद एक मदरसे में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना में बिंदकी कोतवाल तेजबहादुर सिंह और चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक (एसआई) उमेश पटेल को प्रथमदृष्टया लापरवाही बरतने का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है और इस सिलसिले में 60 उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एक की गिरफ्तारी की गई है।'


जांच रिपोर्ट से सामने आएगी सच्चाई


अधिकारी के अनुसार, 'फतेहपुर जिले की बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के बेहटा गांव में मंगलवार की सुबह गोमांस बरामद होने की अफवाह के बाद कुछ अराजकतत्वों ने एक मदरसे में धावा बोलकर पथराव किया और उसकी बाउंड्री गिरा दी। इसके बाद आगजनी की कोशिश भी की गई, लेकिन सफल नहीं हो पाए।' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मंगलवार को मदरसे से बरामद कथित गोमांस को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पायेगा कि मांस किस जानवर का है।'


पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा 


पुलिस ने सोमवार को भी कुछ 'कथित गोमांस और गोवंश की खाल' बरामद की थी और गोकशी के आरोप में मुश्ताक तथा उसके पड़ोसी अल्ताफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। हालांकि मंगलवार सुबह तालाब के किनारे फिर से मांस के कुछ टुकड़े मिलने के बाद उपद्रवियों ने मदरसे में धावा बोलकर तोड़फोड़ तथा आगजनी की।



लापरवाही का आरोप 


आरोप है कि अगर पुलिस सोमवार की घटना से सतर्क हो जाती तो मंगलवार को इतनी बड़ी घटना नहीं होती। घटना के बाद गांव में भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है।