Kanpur Police Captured NTC Muir Mill land: कानपुर महानगर में मेट्रो निर्माण के बीच पुलिस की जबरन कब्जे और दबंगई की एक तस्वीर सामने आई है. कानपुर पुलिस ने केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के अधीन आने वाली म्योर मिल पर बिना अनुमति अस्थाई पार्किंग बनवाने का काम किया. लेकिन, जब इसकी शिकायत प्रबंधन देखने वाली नेशनल टेक्सटाइल कॉर्पोरेशन ने कपड़ा मंत्रालय से की तो अब कानपुर पुलिस बैकफुट पर आ गई है.
पुलिस ने चलवा दी जेसीबी
कानपुर में इन दिनों मेट्रो का निर्माण तेज गति से चल रहा है. मोती झील से नयागंज के लिए अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए काम गति पकड़ रहा है. परेड नवीन मार्केट बड़ा चौराहा और नरोना चौराहा रूट डायवर्ट कर दिया गया है. ऐसे में मेट्रो निर्माण के चलते पुलिस की दबंगई की बात सामने आई है. कानपुर ट्रैफिक पुलिस नवीन मार्केट की पार्किंग एनटीसी की म्योर मिल के अंदर कराना चाह रही है. ऐसे में रविवार को पुलिस आयुक्त असीम अरुण डीसीपी ट्रैफिक बीबीजीटीएस मूर्ति अपने साथियों के साथ म्योर मिल कंपाउंड का निरीक्षण करने पहुंचे. लेकिन, इससे पहले ही ट्रैफिक पुलिस ने मिल के अंदर जेसीबी लाकर पेड़ों और लोहे के पोल पर चलवा दी, जिससे एनटीसी प्रबंधन उखड़ गया है.
जताई गई थी आपत्ति
एनटीसी प्रभारी ने पुलिस कमिश्नर और डीएम के साथ-साथ दिल्ली मुख्यालय और कपड़ा मंत्रालय तक पत्र भेजकर इस करतूत पर आपत्ति जताई है. इस बीच एनटीसी के लीगल एडवाइजर ने भी चेतावनी दी है कि अगर पुलिस की तरफ से जबरन कब्जा किया गया तो ऐसे में पुलिस के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करवाई जाएगी. बिना जानकारी दिए पुलिस ने म्योर मिल में जेसीबी चलाकर रास्ते में आ रहे पेड़ों को साफ कराया था. अब यहां पर ट्रैफिक पुलिस और पार्किंग की व्यवस्था कराई जानी थी. यहीं पर वाहन भी खड़े किए जाने थे जिस पर आपत्ति जताते हुए म्योर मिल स्टाफ ने एनटीसी इंचार्ज से अनुमति लेने के लिए कहा था जिसे मौके पर अनसुना कर दिया गया था.
बैकफुट पर है पुलिस
दरअसल, म्योर मिल केंद्र सरकार की संपत्ति है. लेकिन, संपत्ति का प्रबंधन एनटीसी यानी नेशनल टैक्सटाइल कॉरपोरेशन करता है. आरोप है कि रविवार को यातायात पुलिस ने मिल के अंदर जबरन गेट खुलवाकर जेसीबी चलाई और विरोध के बावजूद गाड़ियों को खड़ा करा दिया. बिना अनुमति कब्जा करना अतिक्रमण की श्रेणी में आता है. एनटीसी के पूर्व कर्मचारी भी इस कृत्य से खासे नाराज हैं. उनकी मानें तो पहले भी एनटीसी के बंगलों पर पुलिस प्रशासन की नजर लगी रही है. हालांकि, हंगामा खड़ा होने के बाद पुलिस अब बैकफुट पर है और अनुमति मांगने के लिए पत्र लिखने की बात कह रही है.
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