मेरठ, एबीपी गंगा। गाजियाबाद के लिंक रोड थाने में एसएचओ रहते हुए बरामदगी की रकम से 70 लाख रुपये गायब की आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान व एक सिपाही ने गुरुवार को मेरठ कोर्ट में सरेंडर कर दिया। लक्ष्मी सिंह ने एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर किया है। आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।


इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह पर एसएसपी नोएडा, वैभव कृष्ण द्वारा 25 हजार का इनाम रखा गया था। लक्ष्मी सिंह के साथ सिपाही धीरज भारद्वाज ने मेरठ में एंटी करप्शन की कोर्ट में सरेंडर किया है। इससे पहले एसएचओ लक्ष्मी सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने लक्ष्मी सिंह समेत सभी आरोपी पुलिस कर्मियों की अग्र‍िम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। लक्ष्मी सिंह चौहान और 7 सिपाहियों पर 70 लाख रुपए के गबन का आरोप है।



बता दें कि गाजियाबाद के साहिबाबाद में गबन का एक मामला सामने आया था, जिसमें एटीएम में रुपए डालने वाली एक कंपनी के कर्मचारियों पर ही गबन का आरोप था। इस मामले की जांच लिंक रोड थाने की इंचार्ज लक्ष्मी सिंह चौहान को सौंपी गई थी। पुलिस ने जब आरोपियों को गिरफ्तार किया तो उनके पास से 1.15 करोड़ रुपए बरामद किए गए। लिंक रोड थाना पुलिस ने इसमें 70 लाख रुपए गायब करते हुए केवल 45 लाख, 81 हजार रुपए की बरामदगी दिखाई और फर्द तैयार कर दी।


इसके बाद जब मामले में सीओ राकेश कुमार मिश्र ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी राजीव सचान से करीब 55 लाख रुपए और आमिर नाम के शख्स से 60 लाख रुपये बरामद किए गए थे। बरामद की गई रकम में हेर-फेर की खबर सुनकर वरिष्ठ अधिकारियों में हड़कंप मच गया और सीओ राकेश कुमार मिश्र को पूरे मामले की तहकीकात करने के लिए कहा गया।



सीओ राकेश कुमार ने मामले की जांच के लिए महाराजपुर चौकी की सीसीटीवी फुटेज चेक की तो लिंक रोड़ थाना पुलिस बेनकाब हो गई। सीसीटीवी फुटेज में नजर आया कि आरोपियों के पास से रुपयों से भरे दो बैग बरामद किए गए, जिनमें से एक बैग पुलिसकर्मियों ने एक प्राइवेट गाड़ी में रख दिया। ये प्राइवेट गाड़ी लक्ष्मी सिंह चौहान की थी।


इस पूरे खेल में एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान के अलावा, सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार पचौरी, कांस्टेबल बच्चू सिंह, फराज, धीरज भारद्वाज, सौरभ कुमार और सचिन कुमार शामिल थे। सीओ की रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने इन सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया और इनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।