बांदा, एबीपी गंगा। चिलचिलाती गर्मी में उत्तर प्रदेश का बांदा जिला बूंद-बूंद पानी की किल्लत से जूझ रहा है। आलम ऐसा आ गया है कि अब पानी की भी पहरेदारी करनी पड़ रही है। उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के बांदा जिले में बढ़ती पेयजल की समस्या को लेकर शहर को पानी देने वाली केन नदी की रखवाली के लिए पुलिस को तैनात किया गया है। यहां तक रात में एसपी और एसएपी भी पानी की निगरानी करते नजर आते हैं।
24 घंटे पानी की निगरानी
दरअसल, बांदा शहर में पेयजल की अधिकतर आपूर्ति केन नदी से ही होती है, लेकिन हाल में केन नदी के पानी को कुछ खदान संचालकों और सब्जी वालों ने अवरोध बनाकर रोक रखा था, जिस कारण पानी इंटेकवेलों तक नहीं पहुंच पा रहा था। इसी के चलते पुलिस और प्रशासन की सम्मिलित टीम ने नदी की धारा के बीच पड़ने वाले अवरोधों को नष्ट कर, पानी पर पुलिस का पहरा लगा दिया है, जो 24 घंटे नदी की निगरानी करते हैं।
दूरबानी लेकर दो सिपाही केन नदी की सुरक्षा में मुस्तैद
बता दें कि बांदा शहर और जनपद के लगभग एक सैकड़ा से अधिक गांवों की प्यास इस केन नदी के पानी से बुझती है ,लेकिन इस समय नाले के रूप में तब्दील हो चुकी इस नदी के पानी को जनपद में कई जगह कुछ मोरंग संचालकों और सब्जी व्यपारियों ने अवरोध बनाकर रोक रखा था, जिसकी वजह से नदी का पानी शहर को सप्लाई करने वाले इंटेकवेलों तक नहीं पहुंच पा रहा था, जिसको लेकर प्रशासन और पुलिस टीम ने अभियान चलाकर जनपद की सीमा में नदी पर बने सभी अवरोधों को नष्ट कर, नदी के पानी की निगरानी के लिए पुलिस तैनात कर दी है। 24 घंटे दूरबीन लेकर दो सिपाही नदी के पानी की सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं।
बांदा समेत 50 गांवों पर मंडरा रहा पेयजल का संकट
इस भीषण गर्मी में पिछले एक हफ्ते से बांदा शहर समेत आसपास के लगभग 50 गांवों में पेयजल संकट मंडरा रहा है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने संगीनों के साए में करीब 43 किलोमीटर लंबाई से केन नदी की जलधारा की खुदाई करवाई। हालांकि, प्रशासन को अब ये डर सता रहा है कि केन नदी पर फिर कब्जा न हो जाए, इसलिए कारण नदी के पानी की निगरानी के लिए रात-दिन पुलिस तैनात रहती है।