आगरा, नितिन उपाध्याय। ABP गंगा की खबर का असर देखने को मिला है। साइड न देने की वजह से भरे कोर्ट में सिपाही चालक की वर्दी उतरवाने वाले जज ACJM संतोष कुमार यादव का तबादला हो गया है। संतोष को डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी महोबा भेजा गया। यह तबादला रजिस्ट्रार जनरल इलाहाबाद हाइकोर्ट मयंक कुमार जैन के आदेश पर हुआ है। शुक्रवार रात ही जिला प्रशासन ने जज संतोष कुमार यादव की रिपोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को भेज दी थी।



बता दें कि, जिले में न्यायिक अधिकारी की गाड़ी को साइड न देना एक पुलिसकर्मी को भारी पड़ गया था। साइड न मिलने से नाराज जज ने कोर्ट में ही पुलिसकर्मी की वर्दी उतरवा दी। घटना शुक्रवार दोपहर की है जब वज्र वाहन जिला कारागार से किशोर कैदियों को लेकर मलपुरा क्षेत्र के सिरोली रोड पर स्थित किशोर न्यायलय बोर्ड जा रहा था। इसी दौरान पीछे से किशोर न्यायालय बोर्ड के जज संतोष कुमार यादव अपनी गाड़ी से आ रहे थे। जज की गाड़ी ने साइड देने के लिए हॉर्न और हूटर का इस्तेमाल भी किया, लेकिन चालक ने जज की गाड़ी को साइड नहीं दी। थोड़ी देर में वज्र वाहन न्यायालय पहुंच गया। उसके पीछे जज भी अपनी गाड़ी से पहुंच गए।


जज ने वज्र वाहन चालक को बुलाया और साइड ना देने पर जमकर फटकार लगाई। सिर्फ इतना ही नहीं जज ने चालक की वर्दी भी उतरवा दी। इस घटना के वक्त कोर्ट परिसर में काफी लोग भी मौजूद थे। वहां मौजूद किसी शख्स ने इस बात की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। वहीं, मामला सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की। जज से बातचीत के बाद ही चालक को वर्दी पहनने दी गई।


इस घटना को लेकर एसपी ग्रामीण (पश्चिम) रवि कुमार ने अपनी रिपोर्ट एसएसपी आगरा बबलू कुमार को सौंप दी है। एसएसपी और डीएम की संयुक्त रिपोर्ट जिला जज और रजिस्ट्रार जनरल हइकोर्ट को भेजी जाएगी।