जब्त स्कॉर्पियो लेकर सैर पर निकले पुलिसकर्मी, कार मालिक ने जीपीएस से इंजन किया लॉक और फिर...
पुलिस ने एक मामले में अखंड प्रताप सिंह नाम के एक शख्स की स्कॉर्पियो कार को जब्त कर लिया था। पुलिस ने कार को जब्त कर थाने में रखवा दिया और चाबी भी अपने पास रख ली।
लखनऊ, एबीपी गंगा। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी पुलिस के सिपाहियों की उस वक्त फजीहत हो गई जब वे एक मामले में जब्त स्कॉर्पियो को लेकर लखीमपुर निकल गए। गाड़ी थाने से लखीमपुर जाने की बात जब गाड़ी मालिक को पता लगी तो उसने जीपीएस से इंजन लॉक कर दिया। इसके बाद गाड़ी जहां की तहां खड़ी हो गई और पुलिस का कारनामा सबके सामने आ गया। इस घटना के बाद पुलिसकर्मियों की काफी फजीहत हो रही है। वहीं, पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने एसएचओ प्रमेन्द्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। ये मामला लखनऊ के गोमती नगर थाने का है।
दरअसल, पुलिस ने एक मामले में अखंड प्रताप सिंह नाम के एक शख्स की स्कॉर्पियो कार को जब्त कर लिया था। पुलिस ने कार को जब्त कर थाने में रखवा दिया और चाबी भी अपने पास रख ली। कार मालिक को थाने पर कुछ देर बिठाकर पुलिस ने छोड़ दिया, लेकिन बिना लिखा पढ़ी के गाड़ी थाने पर ही रही। इसके बाद लखीमपुर में एक हत्या के मामले में आरोपी का बयान लेने जब पुलिस को जाना हुआ तो एसएचओ प्रमेन्द्र सिंह ने अपने स्टाफ को जब्त की गई स्कॉर्पियो गाड़ी से ही जाने को कह दिया।
पुलिसवाले बिना अखंड प्रताप को बिना सूचित किये उनकी कार लखीमपुर ले गए। कार जैसे ही लखीमपुर पहुंची तो उसमें लगे जीपीएस से अखंड प्रताप के मोबाइल पर अलर्ट आया। अखंड प्रताप को लगा कि उनकी कार थाने से चोरी हो गई। इसके बाद उन्होंने तुरंत जीपीएस से कार का इंजन लॉक कर दिया। अखंड जब तक थाने पहुंच पाते तब तक उन्हें पुलिस का फोन आ गया और गाड़ी स्टार्ट ना होने का कारण पूछा। पुलिस कि रिक्वेस्ट के बाद भी कार मालिक ने इंजन लॉक खोलने से इंकार कर दिया। कई घंटों बाद पुलिस ने लिखित में अखंड प्रताप को उनकी कार के गलत इस्तेमाल ना होने का आश्वासन दिया तब जाकर उन्होंने इंजन लॉक खोला। इस घटना के बाद पुलिसकर्मी लखीमपुर से स्कॉर्पियो लेकर थाने में आ गए।
दावा किया जा रहा है कि स्कॉर्पियो बलरामपुर से बीजेपी विधायक शैलेन्द्र सिंह शैलू के रिश्तेदार की है। गाड़ी पर विधायक का स्टीकर भी लगा हुआ है। अखंड प्रताप का दावा है कि वो विधायक शैलू के साथ ही काफिले में गाड़ी लेकर चलता है। ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय को जब इस बाबत जानकारी हुई तो उन्होंने तुरंत थाना प्रभारी प्रमेन्द्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया।