मेरठ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अवैध शराब का कारोबार बड़ी तेजी से फल फूल रहा है. यही वजह है कि बागपत से लेकर मेरठ तक 24 घंटे में 8 मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन की नींद टूटी और अब आबकारी और पुलिस विभाग की संयुक्त छह टीमों ने जानी थाना क्षेत्रों के संदिग्ध गांवों में छापेमारी कर अवैध शराब तलाशने की कोशिश की लेकिन उनके हाथ अभी तक कुछ भी नहीं लगा. एबीपी गंगा की टीम लाइव रेड में साथ रही और हर कार्रवाई को कैमरे में कैद किया.


सात गावों में छापेमारी


मेरठ के खानपुर में आबकारी और पुलिस टीम ने छापेमारी की. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक टीम ने उन्हीं गांवों को निशाना बनाया जिनकी सूचना मिली थी, लेकिन टीम ने अबतक 7 गांवों में छापेमारी की लेकिन कहीं कुछ हाथ नहीं लगा. अधिकारियों की मानें तो मेरठ में तीन लोगों की संदिग्ध मौत हुई है, जिनकी मौत की वजह शराब पीने से बताई जा रही है. यही वजह है कि संदिग्ध मौत होने के बाद पुलिस टीम ज्यादा सक्रिय हो गए है कि अगर ऐसा कुछ भी है तो किसी को भी छोड़ा नहीं जायेगा सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.


गांव गांव खाक छानी


आबकारी विभाग और पुलिस की टीम गांव गांव खाक छान रही है और संदिग्ध लोगों के घरों में छापेमारी कर उनके सामानों के अंदर अवैध शराब को तलाश रही है. टीम ने बेड से लेकर के ड्रम तक सभी को चेक किया और देखने की कोशिश की, कि कहीं अवैध शराब छिपा कर रखी तो नहीं गई है, वहीं, इस छापेमारी से कई गांव में सन्नाटा पसर गया और जो अवैध शराब तस्कर थे वह नदारद दिखे.


इस संयुक्त टीम ने मेरठ के जानी थाना क्षेत्र के सिवाल खास ,खानपुर समेत सात गांवों में छापेमारी की लेकिन इस टीम को जो चाहिए वो अभी तक नहीं मिला. यही वजह है कि टीम की छापेमारी अभी भी जारी है, और आबकारी अधिकारी का कहना है कि जबतक अवैध कारोबारियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता तबतक ये छापेमारी जारी रहेगी.


ये भी पढ़ें.


उत्तर प्रदेशः राज्य मंत्री जय कुमार सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित, खुद को किया आइसोलेट