(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
परिवार वाले करने जा रहे थे अंतिम संस्कार, पुलिस ने चिता से कब्जे में लिया शव
आगरा में एक व्यापारी द्वारा बड़ी रकम डूबने से कथित सुसाइड किया गया था. इस मामले में पुलिस छानबीन कर रही थी. वहीं, परिजन उसका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे.
Agra Crime News: उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित बल्केश्वर घाट पर मंगलवार की सुबह अंतिम संस्कार के दौरान पहुंची पुलिस ने जलती चिता पर पानी डालकर दवा व्यापारी के शव को अपने कब्जे में ले लिया. व्यापारी ने बाजार में 50 लाख से ज्यादा की रकम डूबने पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था सुसाइड नोट
सोशल मीडिया पर वायरल दवा व्यापारी के कथित सुसाइड नोट में बकाया रकम का ब्योरा दिया गया है. कमलानगर पुलिस थाने के निरीक्षक नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब सात बजे पुलिस को सूचना मिली कि दवा व्यापारी रविकांत गुप्ता की संदिग्ध हालत में मौत हो गयी है और परिजन उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं.
परिवार वालों ने किया इंकार
उन्होंने बताया कि, सूचना पर बल्केश्वर श्मशानघाट पहुंची पुलिस ने व्यापारी का शव चिता से निकलवाकर उसे अपने कब्जे में लिया. हालांकि, परिजनों ने किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई से इंकार किया है.
आगरा में महिला और उसके तीन बच्चों का हत्यारा रिश्ते का भाई ही- पुलिस
वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि आगरा के थाना कोतवाली के कूचा साधूराम में इलाके में 21 जुलाई को रेखा और उसके तीनों बच्चों की गला काटकर हत्या उसके रिश्ते के भाई संतोष राठौड़ ने की थी. पुलिस के मुताबिक घटना में राठौर का साथी अंशुल भी शामिल था और पैसे की लालच में उन्होंने हत्या को अंजाम दिया.
तीन बच्चों के साथ अकेले रहती थी रेखा
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) नवीन अरोड़ा ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता में बताया कि चौबेजी वाली गली में रहने वाली 35 वर्षीय रेखा राठौड़ व उसके तीन बच्चों वंश, पारस और माही की 21 जुलाई को घर के अंदर गला काटकर हत्या कर दी गयी थी. रेखा का पति सुनील राठौड़ से दो साल पहले तलाक हो गया था और वह तीन बच्चों के साथ अकेले रहती थी.
उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना के दौरान पुलिस को रेखा के रिश्तेदार संतोष राठौड़ का पता चला. वह रेखा के पिता विनोद के फूफा बादाम सिंह का बेटा है. घटना वाले दिन उसकी लोकेशन कूचा साधूराम में थी. मगर, वह हत्याकांड के बाद दो दिन के लिए गायब हो गया था. इससे पुलिस को उस पर शक हुआ.
आरोड़ा के मुताबिक संतोष ने पुलिस को बताया कि रेखा का उसपर दो लाख रुपये का कर्ज था. रेखा आगरा का मकान बेच दिल्ली बसना चाहती थी. इसलिए रुपये वापस मांग रही थी, जिसकी वजह से संतोष ने इस हत्याकांड की साजिश रची और 21 जुलाई की दोपहर घटना को अंजाम दिया.
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