गुनाहगार नहीं पीड़ित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करती है गाजियाबाद पुलिस, पढ़ें पूरा मामला
गाजियाबाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। दहेज हत्या के एक मामले में पीड़ित के परिजनों के खिलाफ ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पुलिस पर किसका दवाब है।
गाजियाबाद, एबीपी गंगा। अगर आप दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रहते हैं और आपके किसी अजीज की हत्या कर दी जाये तो बिलकुल शांत हो कर घर में बैठ जाये। अगर आपने हत्यारों को गिरफ़्तार करने की मांग की तो पुलिस आपके खिलाफ ही संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर देगी। ऐसा ही एक वाकया सामने आया है, यहां एक माता-पिता के साथ जिनकी बेटी की हत्या हो गयी और इंसाफ मांगने पर पीड़ित परिवार के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया। गाजियाबाद से एबीपी गंगा सवांददाता विपिन तोमर की रिपोर्ट।
आंचल अब सिर्फ तस्वीरों में याद बनकर रह गई है। आंचल की हत्या दहेज न ला पाने के कारण उसके ससुराल वालों ने कर दी। हालांकि आंचल की शादी के समय उसके माता पिता ने अपने सामर्थ्य से अधिक दहेज दिया था और वो शादी के बाद भी जो बन पड़ता था दिया करते थे लेकिन उन हैवानों की पूर्ति नहीं हुई और आखिरकार उन्होंने तीन अगस्त को आंचल की गला दबा कर हत्या कर दी।
आंचल के पिता ने इस हत्या के मामले में पांच लोगों को नामजद कराया था। पुलिस ने आंचल के पति और ससुर को तो गिरफ़्तार कर लिया लेकिन तीन को गिरफ़्तार करने में पुलिस ढिलाई बरत रही है। इसे लेकर रविवार को जब आंचल के परिजन थाने में गुहार लगाने गए और उसी समय जब वहां से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का काफिला गुजर रहा था उनसे अपील की तो पुलिस ने आंचल के परिजनों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया।
भला तानाशाह पुलिस को ये कैसे गवारा होता कि उसके खिलाफ कोई जाये। पुलिस ने 15 नामजद और 60 से 70 के खिलाफ अपनी कानून की किताब में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। यानि की अगर गाजियाबाद में आपके जिगर के टुकड़े का कोई बेहरमी से कत्ल कर दे तो आप चुप रहे नहीं तो पुलिस उलटे आपको अपराधी बना देगी।
इतना ही नहीं इलाके की विधायक भी महिला है और सत्ताधारी पार्टी से हैं। उनका कहना है कि इस मामले में उन्होंने कई आला अधिकारियों से बात की। यानि सत्ताधारी पार्टी की विधायक ने बात की उसके बाद हत्यारोपियों की गिरफ़्तारी नहीं कर यानि की पुलिस सत्ताधारी विधायक की भी नहीं सुनती।