Kanpur News: कानपुर में धर्मांतरण के आरोपी की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस के सामने पहले आरोपी को पीटा गया. पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही. फिर पुलिस ने जैसे-तैसे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन हिंदूवादी संगठनों के दबाव के कारण उन्हें छोड़ दिया.


डीसीपी दफ्तर के बाहर हंगामा
पुलिस ने गुरुवार शाम बजरंग दल के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही बजरंग दल, हिंदू युवा वाहिनी और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने डीसीपी दक्षिण के कार्यालय का घेराव कर दिया. उन्होंने डीसीपी के कार्यालय के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया और जय श्रीराम के नारे लगाए. रात करीब 1 बजे तक कार्यकर्ता डीसीपी का कार्यालय घेरे रहे. जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने पकड़े गए तीनों कार्यकर्ताओं को छोड़ने का आश्वासन दिया. तब धरने पर बैठे हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता वापस लौटे. 


संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि हिंदू हितों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनका कहना है कि पुलिस ने इस मामले में अगर आरोपियों पर पहले कार्रवाई की होती तो भीड़ को कानून हाथ में नहीं लेना पड़ता.


क्या है मामला?
बर्रा थाना क्षेत्र के विरुण बिहार कच्ची बस्ती में रहने वाली एक महिला ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में रहने वाले सलमान और सद्दाम मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए दबाव बना रहे थे. पहले दोनों ने धर्म परिवर्तन के लिए 20 हज़ार रुपए का लालच दिया. महिला जब इस पर भी नहीं मानी तो उन्होंने महिला और उसकी दो बेटियों का उत्पीड़न शुरू कर दिया.


आरोप है कि सद्दाम और सलमान नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं. मुस्लिम धर्म नहीं अपनाने पर मकान छोड़कर जाने के लिए दबाव बना रहे हैं. क्षेत्र के दूसरे लोग भी उनका साथ दे रहे हैं. पीड़िता ने मामले की शिकायत बर्रा थाने में की थी. पुलिस ने मामले में संतोषजनक कार्रवाई नहीं की. जिसके चलते सद्दाम और सलमान लगातार महिला और उसकी बेटियों को परेशान कर रहे थे. इसके बाद परेशान होकर महिला ने मामले की शिकायत बजरंग दल पदाधिकरियों से की.


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